मथुरा। साल 2019 का दूसरा चंद्रग्रहण मंगलवार (आज) को पड़ने जा रहा है। गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण का संयोग 149 साल बाद बन रहा है। इसलिए इस चंद्रग्रहण को दुर्लभ और ऐतिहासिक कहा जा रहा है। इससे पहले 12 जुलाई 1870 को यह संयोग बना था, जब गुरु पूर्णिमा व चंद्रग्रहण एक साथ पड़े। चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार रात्रि 1:31 बजे से शुरू होकर तड़के 4:30 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसे पूरे भारत में देखा जा सकेगा।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि साल का दूसरा चंद्रग्रहण रात्रि 3:01 बजे चरम पर रहेगा। इस समय चन्द्रमा के आधे से अधिक हिस्से को धरती अपनी छाया से ढक लेगी। .
4 अप्रैल 2015 को चंद्रग्रहण के दौरान जापान की 8 मीटर सुबारु प्रकाशीय दूरबीन से मिले आकड़े अध्ययन का मुख्य आधार बने। इस संयुक्त अध्ययन में ध्रुवीय प्रेक्षणों की तरंगदैर्ध्य और समय भिन्नता को आधार बनाते हुए वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला था कि पोलराइजेशन का मुख्य कारण अक्षांशीय वायुमण्डलीय असमानता के साथ-साथ दोहरा फैलाव भी है।
जापान के आंकड़े बने अध्ययन का आधार
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि साल का दूसरा चंद्रग्रहण रात्रि 3:01 बजे चरम पर रहेगा। इस समय चन्द्रमा के आधे से अधिक हिस्से को धरती अपनी छाया से ढक लेगी।
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