छात्राओं के कपड़े नापने के लिए रखी गार्ड, कुर्ती की लंबाई देखकर देती हैं एंट्री, वीडियो वायरल!

हैदराबाद। आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के एक जाने-माने गर्ल्स कॉलेज में ड्रेस कोड को लेकर विवाद हो गया है. दरअसल, सेंट फ्रांसिस गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं के लिए ड्रेस कोड को लेकर नया आदेश जारी किया गया है. इसमें छात्राओं को घुटने से लंबी कुर्ती या सलवार कमीज़ में ही कॉलेज में एंट्री मिलने की बात कही जा रही है. यही नहीं छात्राओं की कुर्ती की लंबाई नापने के लिए कॉलेज ने बाकायदा एक महिला सिक्योरिटी गार्ड को भी हायर कर रखा है. वह छात्राओं के आईडी कार्ड की जांच करती हैं और उनकी कुर्तियां की लंबाई भी चेक करती हैं.

Guys, remember the day you came to this college for your admission? Y'all had a sense of admiration for the college and…

Posted by Zanobia Tumbi on Friday, September 13, 2019

सेंट फ्रांसिस गर्ल्स कॉलेज प्रशासन ने यह नया ड्रेस कोड 1 अगस्त से लागू किया है. जो छात्राएं आदेश का पालन नहीं कर रही हैं, उन्हें क्लास में आने की इजाजत नहीं दी जा रही. छात्राओं ने अब इसका विरोध शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में महिला सिक्योरिटी गार्ड छात्राओं की कुर्ती की लंबाई जांच रही हैं. तय नाप से छोटी कुर्ती पहनने वाली छात्राओं को क्लास में जाने की परमिशन नहीं दी जा रही है.

नए नियम को लेकर छात्राओं का कहना है कि ऐसे वक्त में जब महिला सशक्तीकरण के बारे में बात की जा रही है, तो इस तरह का फरमान जारी करना अभियान के खिलाफ है.

लंबे कपड़ों से मिलेंगे अच्छे रिश्ते
इस कॉलेज की एक पूर्व छात्रा ने नए ड्रेस कोड को लेकर सोशल मीडिया पर एक और वीडियो शेयर किया है. इसमें उन्होंने बताया कि छात्राओं के लिए मिड सेशन में नया डेस कोड लाया गया है. टीचर्स का कहना है कि लंबे कपड़े पहनने से शादी के लिए अच्छे रिश्ते मिलेंगे.

पूर्व छात्रा ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि कॉलेज के अधिकारियों ने छात्र प्रतिनिधियों से कहा कि इस आदेश के खिलाफ आवाज उठाना ठीक नहीं है. छात्रा ने अपनी पोस्ट में कहा कि घुटने से थोड़ी सी भी ऊंची कुर्ती पहनने पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.

पूर्व छात्रा ने कहा कि जो भी छात्राएं नए नियम का पालन नहीं कर रही हैं उन्हें कॉलेज के बाहर खड़ा कर दिया जाता है, जिसकी वजह से वह क्लास नहीं कर पा रही हैं. फिलहाल इस बारे में कॉलेज प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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