मथुरा। मालती अकसर छोटी मोटी चीजें इधर उधर रखकर भूल जाया करती थी। कई बार उसे लगता कि उसकी याद्दाश्त कम हो रही है, लेकिन उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उस दिन हद हो गई जब वह अपने बच्चों को स्कूल से लाने के लिए घर से निकली और स्कूल का रास्ता भूल गई। वह घंटों सड़क पर कार दौड़ाती रही और उधर बच्चे स्कूल के बाहर मां का इंतजार करते रहे। बाद में पता चला कि मालती को अल्जाइमर (Alzheimer) है।
इसी तरह की एक अन्य घटना में अधेड़ उम्र के एक व्यक्ति की कमीज की जेब पर एक कार्ड लगा था, जिसपर उनका नाम, टेलीफोन नंबर और घर का पता लिखा था। पूछने पर पता चला कि उन्हें अल्जाइमर की बीमारी है और उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता था। वह नजर बचाकर घर से निकलते तो उस स्थिति के लिए उनकी कमीज पर वह कार्ड लगा दिया गया था, ताकि अगर वह भटक जाएं तो कोई उन्हें घर पहुंचा दे।
उम्र और बीमारी बढ़ने के साथ लक्षण हो जाते हैं गंभी
यह इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण हैं। उम्र और बीमारी बढ़ने के साथ साथ लक्षण गंभीर होने लगते हैं और व्यक्ति अपने आसपास मौजूद लोगों और यहां तक कि अपने पड़ोसियों, दोस्तों रिश्तेदारों और यहां तक कि अपने जीवनसाथी और अपने बच्चों तक को नहीं पहचान पाता।
साढ़े तीन करोड़ लोग हैं शिकार
विभिन्न देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, करीब साढ़े तीन करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं। बीमारी के कारण अब तक रहस्य ही हैं। अल्जाइमर रोग के लक्षण और प्रभाव स्पष्ट होने के बावजूद इसके कारणों को लेकर भ्रम की स्थिति है।
क्या है अल्जाइमर
यह रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं को विकृत और नष्ट कर देता है, जिससे शरीर और दिमाग का संपर्क टूटने लगता है, स्मृति विलोप होने लगता है और तंत्रिका कोशिकाओं का संचार अवरूद्ध हो जाता है। इसके फलस्वरूप व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है और बीमारी में बेबसी के चलते व्यक्ति चिड़चिड़ा और शक्की होने लगता है। यह बीमारी अब केवल बूढ़ों तक ही सीमित नहीं रही है। यह बीमारी अब बच्चों में भी देखी जा रही है। अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए पूरी दुनिया में 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer’s Day 2018) मनाया जाता है।
क्या हैं अल्जाइमर के लक्षण
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को रोजमर्रा के कामकाज में परेशानी होती है, फोन मिलाने और किसी काम में ध्यान लगाने में दिक्कत आने लगती है, फैसला लेने की क्षमता कम हो जाती है, चीजें इधर उधर रखकर भूल जाते हैं, शब्द भूलने लगते हैं, जिससे सामान्य बातचीत में रूकावट आती है, अपने घर के आसपास के रास्ते भूल जाते हैं और उनके रोजमर्रा के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है।
क्या हैं सामान्य उपाय
इस रोग को रोकना तो संभव नहीं, लेकिन कुछ सामान्य उपाय कर के रोगी की परेशानी को कम जरूर किया जा सकता है। उपरोक्त लक्षण दिखने पर व्यक्ति की तत्काल जांच कराएं। अल्जाइमर की पुष्टि होने पर पीड़ित को पौष्टिक भोजन देने के साथ ही सक्रिय बनाए रखें। माहौल गमगीन न होने दें और पीड़ित को अकेला न छोड़ें, उसे अवसाद से बचाएं। रोगी के परिचित उसके संपर्क में रहें ताकि उनके चेहरे उसकी स्मृमि से विलुप्त न होने पाएं।
तीन लेवल में होती है ये बीमारी
अल्जाइमर रोग के भी तीन चरण होते हैं, प्रारंभिक चरण में रोगी अपने दोस्तों और अन्य व्यक्तियों को पहचान सकता हैं, लेकिन उसे लगता है की वह कुछ चीजें भूल रहा है। मध्य चरण में उसकी स्मृति के विलोप की प्रक्रिया और अन्य लक्षण धीरे धीरे उभरने लगते हैं। अंतिम चरण में व्यक्ति अपनी गतिविधियों को नियंत्रण करने की क्षमता खो देता है और अपने दर्द के बारे में भी नहीं बता पाता। यह चरण सबसे दुखदायी है।
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