बेंगलुरु. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज का फैसला बेंगलुरु में होगा. दोनों टीमें सीरीज में 1-1 से बराबर है. मुंबई में ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से तो राजकोट में टीम इंडिया ने 36 रन से मैच अपने नाम किया था. बेंगलुरु में दोनों टीमों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है. यहां की पिच बल्लेबाजों की मददगार है तो बड़ा स्कोर देखने को मिल सकता है. इसी मैदान पर रोहित शर्मा ने साल 2013 में अपना पहला दोहरा शतक लगाया था. ऐसे हालात को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम बेंगलुरु वनडे में भारत को चौंकाने के लिए जोश हेजलवुड को शामिल कर बड़ा दांव खेल सकती है.
पहले दो वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और केन रिचर्डसन की तिकड़ी पर भरोसा जताया, लेकिन बेंगलुरु की पिच पर भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया हेजलवुड को खिला सकती है.
कमिंस कर चुके हैं डॉट बॉल की बात
तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने कुछ ऐसा ही इशारा किया. उन्होंने शनिवार को कहा, ‘हमारी योजना ज्यादा से ज्यादा खाली गेंद डालना है. कुछ विकेट लगातार 5-10 गेंदों पर रन नहीं बनने के बाद आए हैं और बल्लेबाज को लगता है कि दबाव बन रहा है. इन पिचों पर ज्यादा विकल्प नहीं होते. आप केवल धीमी गेंद डालकर ही लय को तोड़ सकते हैं लेकिन फिर भी यह विकेट दिलाने वाली गेंद नहीं है. इसलिए आप अच्छी गेंदबाजी की कोशिश करते हैं, दबाव बनाते हैं और बल्लेबाज के गलती करने की उम्मीद करते हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘खाली गेंद सोने की तरह है, यदि आप एक ओवर में 2-3 गेंद डॉट डाल देते हैं तो बाउंसर का इस्तेमाल करते हैं जो कि विकेट दिलाने वाली गेंद है. बैंगलोर में गेंद काफी बाहर जाती है लेकिन अब ज्यादा क्या कर सकते हैं. पिछले 2 सालों में यहां की पिच गेंदबाजों को भी मदद करने लगी है. हेजलवुड जैसे खिलाड़ी का बैंच पर होना हमारी गेंदबाजी की ताकत दिखाता है.’
2017 में नंबर 1 वनडे गेंदबाज थे हेजलवुड
हेजलवुड जून 2017 में दुनिया के नंबर 1 वनडे गेंदबाज थे. लेकिन उसके बाद से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए केवल 6 वनडे मुकाबले खेले हैं. वे आखिरी बार कंगारू टीम की ओर से वनडे में 14 महीने पहले खेले थे और उन्हें 2019 वर्ल्ड कप में भी नहीं चुना गया था. वे 50 ओवर के खेल में रन देने में काफी कंजूस हैं. 44 वनडे मैचों में उनकी इकनॉमी 4.73 की रही है. कमिंस ने जैसा कहा हेजलवुड उस तरह का दबाव बना सकते हैं. हालांकि उन्होंने भारत में अभी तक कोई वनडे नहीं खेला है. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच बेंगलुरु में पिछले 2 मुकाबलों में रनों की बरसात हुई है. ऐसे में हेजलवुड को बाहर रखना काफी मुश्किल फैसला होगा.
लगातार एक लैंथ पर डालने की कला में माहिर है हेजलवुड
मिचेल स्टार्क बाएं हाथ के गेंदबाज है और डेथ ओवर्स में उनकी गेंदों को खेलना आसान नहीं है. कमिंस के पास रफ्तार के साथ कमाल की बाउंसर्स हैं जो बल्लेबाजों को बैकफुट पर धकेलती हैं. रिचर्डसन के पास स्लॉअर, कटर जैसे कई विकल्प हैं. हेजलवुड के पास रिचर्डसन जैसी विविधता नहीं है लेकिन वह सीम को हिट कर सकते हैं और परेशान करने वाली लंबाई पर गेंद डाल सकते हैं. वे ऐसा बिना थके किसी मशीन की तरह कर सकते हैं. वे ग्लेन मैक्ग्राथ की तरह एक लैंथ पर लगातार बॉल डालते हैं मानो कोई रोबोट गेंदबाजी कर रहा है. उनकी रफ्तार भी 140 किलोमीटर प्रतिघंटे के करीब है.
बिग बैश में किया प्रभावित
जोश हेजलवुड का हालिया रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है. हैमस्ट्रिंग की चोट से वापस आने के बाद वे बिग बैश लीग में सिडनी सिक्सर्स के लिए 2 मैच खेले थे. इन दोनों मैचों में उन्होंने रन देने में काफी कंजूसी की और बल्लेबाजों को बांधकर रखा. उन्होंने टी20 लीग में न तो स्लॉअर गेंद फेंकी और न यॉर्कर डाली. वे लगातार लैंथ बॉल डालते रहे और उनकी इकनॉमी 5 रन प्रति ओवर से भी कम रही. इससे पहले वे इस लीग में आखिरी बार 2014 में खेले थे. वे आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते नजर आएंगे. इससे उनके टी20 वर्ल्ड कप में खेलने की संभावना बढ़ सकती है.
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