नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव बरकरार है। दोनों देशो के बीच बातचीत का दौर लगातार चल रहा है, लेकिन अभी तक तनातनी का कोई समाधान नहीं निकला है। ऐसे में वास्तविक नियंत्र रेखा (LAC) पर युद्ध जैसे हालात दिखने लगे हैं. भारतीय सेना पहले से ही अलर्ट पर है और अब सारे हथियारों और सैनिकों को सीमा पर लगातार तैनात किया जा रहा है। हालांकि भारत चाहता है कि बातचीत से मुद्दे को सुलझा लिया जाए।
सीमा पर भारती सेना की तैयारी
चंडीगढ़ के एयरबेस पर भारतीय वायु सेना का सी -17 ग्लोबमास्टर लद्दाख ले जाने के लिए कार्गो उठा रहा है। इस पर T-90 टैंक को लोड किया जा रहा है। इसका वजन करीब 46 टन है। इसे एयरलिफ्ट करने में एक तरफ से करीब 10 लाख रुपये का खर्च आता है. उत्तर भारत में सेना की छावनी और एयरबेस पर पिछले एक महीने से लगभग हर जगह ऐसा ही नजारा दिख रहा है। लद्दाख की सीमा पर आर्टिलरी गन, हवाई निगरानी रडार, फ्रंटलाइन फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर भेजे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि लद्दाख की सीमा पर करीब 45 हजार सैनिक तैयार किए जा रहे हैं।
हर मोर्चे पर तैनाती
लद्दाख में तीनों हवाई पट्टी दौलत बेग ओल्डी, फुकचे और नोयमा को एक्टिव कर दिया गया है। भारतीय नौसेना के P-81 को भी तैनात कर दिया गया है। इसकी नजर चीन की सेना पर है। लद्दाख में चीन से लगे 1597 किलोमीटर की सीमा पर 65 जगहों पर पेट्रोलिंग और चौकसी बढ़ा दी गई है। कहा जा रहा है कि LAC के गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग, डेपसांग, पैंगगौंग और सिक्किम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने खड़ी हैं।
चीन की तैयारी
उधर चीन की सेना भी LAC पर अपनी ताकत बढ़ा रही है। कहा जा रहा है कि चीन ने भी सैनिक, टैंक,मिसाइल और लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा चीन भारत की सीमा में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैनसौंग सो में फिंगर 4 के पास हेलिपैड भी तैयार कर लिया है।
सेना है तैयार
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि सेना को लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। कहा जा रहा है कि गलवान घाटी में हिंसा के बाद हालात बदल गए हैं। बता दें कि सीमा पर चीन कई इलाकों को लेकर अपनी जिद पर अड़ा है. उनके झूठे दावों को भारत लगातार खारिज कर रहा है. ऐसे में अब तक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। हालांकि दोनों देश अब भी बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है. चीन के साथ बीजिंग और लद्दाख में कई दौर की बातचीत हो चुकी है. बातचीत का एकमात्र शर्त यह है कि चीन पहले की स्थिति बरकार रखे।
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