भारत—चीन युद्ध: 7 घंटे खूनी जंग, कम संख्या के बावजूद अपनी जगह से नहीं हटे भारतीय जवान!

नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात हुई हिंसक झड़प करीब सात घंटे तक चली थी. इसकी शुरुआत शाम 7 बजे के आस-पास हुई थी। इसी वक्त शहीद कर्नल संतोष बाबू की टुकड़ी पेट्रोल प्वाइंट 14 पर पहुंची थी, जहां चीनी सैनिकों ने डेरा डाल रखा था। भारतीय सैनिक प्रोटोकॉल के तहत हथियार साथ नहीं ले गए थे। इस सीमा पर दोनों ही तरफ के जवान सामान्य तौर पर बंदूकें साथ नहीं रखते। अगर रखते भी हैं तो बंदूक पीठ पर होती है और गोलियों की मैगजीन जेब के भीतर।

 

जब कर्नल बाबू की टुकड़ी पहुंची पेट्रोल प्वाइंट 14 पर
भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच यहीं से बहस और धक्कामुक्की की शुरुआत हुई। कर्नल बाबू और उनकी 50 जवानों की टुकड़ी चीनी सैनिकों को वो पोस्ट खाली करने को कहा था तो मना कर दिया गया। शुरुआती धक्कामुक्की मारपीट और झगड़े में तब्दील हो गई। दोनों तरफ के जवान एक दूसरे के साथ गुत्थमगुत्था की लड़ाई में उलझ गए. भारतीय सैनिकों ने चीनी टेंट उखाड़ दिए। इसके बाद जो हिंसक और खूनी झड़प शुरू हुई वो करीब सात घंटे तक चलती रही।

धक्कामुक्की और एक-दूसरे पर चले पत्थर
दोनों तरफ के सैनिकों ने एक दूसरे पर पत्थरों से हमला किया. इसके बाद चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर कटीले तारों वाले आयरन रॉड से हमला शुरू कर दिया। इसकी भारतीय सैनिकों को उम्मीद नहीं थी। ये चीनी सैनिकों की तरफ से बिल्कुल प्लान करके किया गया। दोनों ही तरफ के कुछ सैनिक नदी में गिर गए। बाद में मंगलवार सुबह उनके शव मिले।

शुरुआत में मात्र 50 सैनिकों के सामने थी 250 जवानों की चीनी टुकड़ी
जब इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई तब वहां पर करीब 250 चीनी सैनिक मौजूद थे. जबकि भारतीय सैनिक सिर्फ 50 के आस-पास थे। कम संख्या में होने के बावजूद भारतीय सैनिक अपनी जगह से पीछे नहीं हटे और चीनी सैनिकों से पोस्ट हटाने की मांग पर अड़े रहे। लेकिन चीनियों ने न सिर्फ पीछे हटने से मना किया बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे वो इस विवाद के लिए पहले से तैयार थे। चीनियों के साथ हुई पहली झड़प में कर्नल बाबू और दो अन्य सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

सात घंटे की जंग और 20 शहादत
एक घंटे के भीतर ही भारत की तरफ से मदद भेजी गई और इसके बाद दोनों तरफ के पांच सौ सैनिकों के बीच घंटों तक ये हिंसक झड़प चली। इस झड़प में भारत के 20 सैनिकों को शहादत मिली है जबकि 18 अब भी गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं चीन की तरफ 40 से 45 मौतों की बात कही जा रही है।

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