वाॅशिंगटन. अमेरिका ने ईरान के सैनिक संगठन इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स काेर (आईआरजीसी) काे आतंकी संगठन करार दे दिया है। जवाब में ईरान ने भी अमेरिकी सेना को मध्य-पूर्व में आतंकी बताया है। दरअसल, ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच तल्खी बढ़ी है। अमेरिका पिछले काफी समय से ईरान पर परमाणु कार्यक्रम को गलत तरीके से आगे बढ़ाने का आरोप लगाता रहा है।
अमेरिका के इस कदम पर ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने राष्ट्रपति हसन रूहानी को पत्र लिखकर तुरंत प्रतिक्रिया की मांग की। इसके बाद ही ईरानी नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड को आतंकी संगठन घोषित किया। ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका उसकी सेना के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है तो उसे भी जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
आतंक को बढ़ावा देता है ईरान: ट्रम्प
ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ईरान में सरकार आतंकवाद काे बढ़ावा दे रही है। रेवोल्यूशनरी गार्ड आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराते हैं। विदेश मंत्री माइक पाेम्पिओ ने सभी बैंकाें और व्यवसायिक संस्थानाें से आईआरजीसी से लेन-देन बंद करने काे कहा है। पॉम्पियो ने ट्वीट में कहा, ‘ईरान सरकार के आतंकवाद के मुकाबले के लिए अमेरिका ने आईआरजीसी काे आतंकवादी संगठन घोषित किया है। हमें आजादी पाने में ईरान के लोगों की मदद करनी चाहिए।’
ईरान में सैनिकों की विशेष टुकड़ी है रेवोल्यूशनरी गार्ड्स
रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ईरान के आर्म्ड फोर्स का हिस्सा है। इसका गठन 1979 इस्लामी क्रांति के बाद किया गया था। देश की पारंपरिक सैन्य इकाइयां सीमाओंं की रक्षा करती हैं जबकि रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स देश में इस्लामी गणतंत्र प्रणाली की रक्षा करता है।
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