
यूनिक समय, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के चलते शुक्रवार की रात ईरान ने इजरायल के प्रमुख शहरों पर मिसाइल हमला कर दिया। रिपोर्टों के मुताबिक, ईरान ने करीब 150 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायली क्षेत्रों की ओर दागी, जिनमें तेल अवीव, यरुशलम, हाइफा, बीरशेबा, लेक तिबेरियस और गैलिली के कुछ हिस्से शामिल हैं।
इससे पहले, इजरायली फाइटर जेट्स ने ईरान के रणनीतिक और परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमले किए थे, जिनमें 78 लोगों की मौत और 350 से अधिक घायल होने की पुष्टि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र में की। इन हमलों के जवाब में ईरान ने “तीसरे चरण” के तहत मिसाइल हमला किया। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल द्वारा की गई “निरंतर आक्रामकता” का जवाब बताया।
हमले के दौरान तेल अवीव को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। एक मिसाइल ने शहर की 50 मंजिला इमारत को निशाना बनाया, जिससे जबरदस्त विस्फोट हुआ और आसपास की इमारतों में आग लग गई। इजरायली मीडिया चैनल 13 ने घटनास्थल को “अभूतपूर्व विनाश” का दृश्य बताया। रमत गन इलाके में भी भारी तबाही हुई, जहां कम से कम नौ इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं और सैकड़ों अन्य को क्षति पहुंची।
इजरायल की आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को आसमान में ही नष्ट कर दिया, लेकिन फिर भी कई मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहीं।
इजरायल की सेना और होम फ्रंट कमांड ने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, हमले के क्षतिग्रस्त क्षेत्रों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि संवेदनशील जानकारी “दुश्मन” तक न पहुंचे।
इस पूरे घटनाक्रम ने मध्य पूर्व में तनाव के स्तर को गंभीर रूप से बढ़ा दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष को लेकर गहरी चिंता जता रहा है।
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