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कानपुर में कोचिंग संचालक सहवान खुदकुशी और नमरा हत्याकांड के मामले में एक और खुलासा हुआ है। हत्याकांड की रात सहवान का भाई अपार्टमेंट में मौजूद नहीं था। वह एक दिन पहले से ही अपनी ससुराल में था। मोबाइल की सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज और इरफान समेत अन्य परिजनों से पूछताछ से इसकी पुष्टि हुई है। इससे पुलिस की एक और आशंका पर विराम लग गया है।
29 अप्रैल की रात सहवान ने नमरा की हत्या कर खुदकुशी की थी। शुरुआत में पुलिस का कहना था कि पड़ोस में रहने वाले उसकेभाई इरफान को 30 अप्रैल की सुबह करीब साढ़े सात बजे घटना की जानकारी हुई थी लेकिन उसने करीब ढाई घंटे बाद पुलिस को सूचना दी। मगर जांच में ये तथ्य गलत पाया गया।
आईपीएस आदित्य लाहंगे ने बताया कि 28 अप्रैल की शाम इरफान पत्नी निदा को लेकर अपनी ससुराल मसवानपुर चला गया था। वह हत्याकांड की रात में भी वहीं पर था। 30 अप्रैल की सुबह वह अपने फ्लैट पर पहुंचा था। पुलिस अब इस केस में किसी तरह की साजिश से इंकार कर रही है।
उधर नमरा के पिता शहंशाह अब भी कह रहे हैं कि कि साजिश के तहत वारदात की गई। वारदात की वजह सहवान की प्रॉपर्टी है। इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार पांडेय का कहना है कि आरोपों की एक-एक कर जांच की जाएगी।
गलती से बंद हुए थे सीसीटीवी
हत्याकांड के एक दिन पहले से ही अपार्टमेंट केसीसीटीवी कैमरे बंद थे। हत्या की रात 29 अप्रैल की रात एक बजे से कैमरे शुरू हो गए थे। लाहंगे ने बताया कि जांच में पता चला कि हर मंगलवार को सीसीटीवी रिबूट होता है। यह तकनीकी तौर पर फिक्स किया गया है। इससे अगर किसी कारण वश सीसीटीवी बंद हो जाते हैं तो मंगलवार रात से ऑटोमैटिक कैमरे शुरू हो जाते हैं।
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