श्रीनगर. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से ठीक पहले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें बदला लेने की बात कही गई है. इस वीडियो में पवित्र ग्रंथ ‘कुरान शरीफ’ की आयत का हवाला देकर कहा गया है-‘अगर किसी ने कत्ल किया है तो उसे माफ नहीं किया जाएगा.’
वीडियो देखने और सुनने से यह प्रतीत होता है कि इसमें बदला लेने की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि ‘ऐ लोगों बदला जो होता है इंसाफ के साथ उसकी भी जिंदगी है ताकि तुम डर सको और कोई अपराध न करो.’ यह धमकी भारत सरकार को दी जा रही है. इसमें कहा गया है कि ‘जिस तरह तुमने मुसलमानों को परेशान किया और उनकी बस्तियां जलाई है सबका बदला लिया जाएगा.’
वीडियो में कुछ बातें कुरान शरीफ के हवाले से लिखा गया है, वहीं एक व्यक्ति कह रहा है, ‘अब मगर कातिलो इंतिहा हो गई/अमन की लोरियां सुन चुके हम बहुत/वो कहानी गई वो फसाना गया/हर बहाना गया हाथ पर हाथ रख कर यूं ही बेसबब/आसमां देखने का जमाना गया.”
इस बीच सुरक्षा एजेंसियों को इस वीडियों के साथ यह लीड मिली है कि इस महीने की शुरुआत में पीओके (PoK) में आतंकी तंजीमो की बैठक की गई थी और आईएसआई और पाक सेना के अधिकारी भी इस मीटिंग में मौजूद थे.
इस बैठक में यह भी तय किया गया कि हिजबुल मिजाहीदन को एक्टिव किया जाए. पाकिस्तानी आतंकियों के बजाए हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल कश्मीर के आतंकियो को जिम्मेदारी सौंपा जाए. लश्कर और जैश के आतंकी वारदात की सारी जि़म्मेदारी हिजबुल को लेने का फरमान जारी किया गया है. यह पाकिस्तान की कोशिश है कि ट्रंप के दौरे के दौरान ये दिखाया जा सके कि धारा 370 हटाने के बाद कश्मीरी नाराज हैं और वह आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे हैं.
कश्मीरियों के मन में खौफ बढ़ाने के लिए शहरी इलाकों में पुलिस, सुरक्षाबलों और आम लोगों पर गोलीबारी और ग्रेनेड हमले की साजिश रची जा रही है. सुरक्षाबलों के काफिलो और कैंपों पर बड़े फिदायीन हमले करने की कोशिश की जा रही है.
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