नई दिल्ली,
जेएनयू में एक बार फिर बड़ा बवाल हुआ है। इस बार एक फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर छात्र संघ और एबीवीपी के बीच टकराव हुआ। दोनों ने एक-दूसरे पर मारपीट और बदसलूकी का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामले की शिकायत की है। एबीवीपी जहां इस फिल्म के प्रदर्शन के समर्थन में है। वहीं छात्र संघ जेएनयू कैंपस में फिल्म की स्क्रीनिंग की इजाजत दिये जाने के विरोध में है।
साबरमती हॉस्टल के पास जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के पूर्व प्रेसिडेंट मोहित पांडेय की कार को घेरकर एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने जमकर हंगामा मचाया। मोहित पांडेय की कार के शीशे तोड़ डाले गए। छात्र संगठनों के इस जोरदार झड़प में कई लोगों को चोटें आई हैं। जेएनयू छात्र संघ ने फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध के दौरान पूर्व अध्यक्ष मोहित पांडेय को जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया है।
वहीं एबीवीपी का आरोप है कि फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान छात्र संघ की तरफ से प्रोजेक्टर से वायर निकाल कर उसे तोड़ डाला गया। एबीवीपी से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट और बदसलूकी की गई। छात्र नेता सौरभ शर्मा की मानें तो मोहित पांडेय ने एक गार्ड को अपनी गाड़ी से कुचल भी डाला।
बवाल के बाद दोनों ही छात्र संगठनों की तरफ से एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत करकार्रवाई की मांग की गई है। आइए अब जरा जान लीजिए कि आखिर फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद क्यों हुआ…
इन द नेम ऑफ लव नाम की इस फिल्म में केरल में हो रहे लव जिहाद को दिखाया गया है। इस फिल्म के निर्माता सुदीप्तो सेन हैं। जेएनयू परिसर में इस फिल्म की स्क्रीनिंग का आयोजन विवेकानंद विचार मंच की तरफ से किया गया। जेएनयू छात्र संघ लव जिहाद पर आधारित इस फिल्म के कैंपस में दिखाने की इजाजत दिए जाने को गलत बताया।
फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान हुए छात्र संगठनों के विवाद में बीजेपी भी कूद पड़ी। उसने फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध पर कड़ा ऐतराज जताया। बहरहाल ये मामला अब वसंतकुंज पुलिस थाने तक जा पहुंचा है। लेकिन जिस तरह से अब मामले में सियासी तड़का लग रहा है उसे देखते हुए ये कहना शायद गलत नहीं होगाकि बात निकली है तो दूर तलक जाएगी।
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