
यूनिक समय, नई दिल्ली। आज 14 मई को जस्टिस बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश (Justice BR Gavai CJI Oath Today) बनने जा रहे हैं। देश को जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) के रूप में पहला बौद्ध मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है। जस्टिस गवई आज देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे।
खास बात यह है कि आजादी के बाद सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन होने वाले वे अनुसूचित जाति से दूसरे न्यायाधीश होंगे। जस्टिस संजीव खन्ना ने CJI के तौर पर बीआर गवई के नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस संजीव का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस बीआर गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा। यह कार्यकाल 14 मई से शुरू होकर 23 नवंबर 2025 तक चलेगा। उनके नेतृत्व में न्यायपालिका से न सिर्फ अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद है। बल्कि वे न्यायिक विरासत को भी नई दिशा देंगे। वे इससे पहले कई संवेदनशील और संवैधानिक मामलों पर अहम फैसले दे चुके हैं।
जस्टिस गवई संविधान पीठ के सदस्य के तौर पर कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जो अपने आप में ऐतिहासिक रहे हैं। जिसमें उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और इससे निपटने के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए।
न्यायमूर्ति गवई उस संविधान पीठ के सदस्य थे, जिसने 2019 में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के केंद्र के फैसले को संवैधानिक घोषित करने, चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित करने और 2016 के विमुद्रीकरण के फैसले को सही ठहराने, ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने और 2002 के गोधरा दंगा मामले में तीस्ता सीतलवाड़ को नियमित जमानत देने जैसे विवादास्पद मामलों में फैसले दिए थे।
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