कानपुर। गर्मियों में इस बार बारिश कुछ ज्यादा मेहरबान है। बीते अप्रैल में उत्तर प्रदेश में जितनी बारिश हुई, उतनी शायद इस महीने में पहले कभी नहीं हुई थी। बारिश का यह सिलसिला थमा नहीं है। मई में हो रही लगातार बारिश ने भी चौंका दिया है। अप्रैल और मई माह में अब तक कुल 51.4 मिलीमीटर की बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस समय चक्रवाती हवाएं चल रही हैं और इसके चलते अभी आगे भी बारिश की संभावना बनी हुई है।
…इसलिए अचरज में पड़ गए मौसम वैज्ञानिक
हिंदुस्तान के अनुसार मौसम के बदलाव ने इस बार मौसम विज्ञानियों को अचरज में डाल दिया है। हालांकि इस बेमौसम बरसात से गर्मी तो कम पड़ रही है और लोग राहत भी महसूस कर रहे हैं, लेकिन इसके फायदे कम नुकसान अधिक हुए हैं. इसका सबसे ज्यादा नुकसान खेती-किसानी से जुड़े लोगों को उठाना पड़ा है. बारिश के साथ-साथ आंधी और तूफान आने के चलते भी प्रदेश का तापमान कम रह रहा है और चक्रवाती हवाओं का दौर बने रहने के चलते आगे भी बारिश होगी. बंगाल की खाड़ी और इससे सटे अंडमान सागर पर बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के कारण अगर चक्रवात प्रभावी होता है तो उसका असर यहां अगले 48 घंटे में देखने को मिल सकता है।
बारिश ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
अप्रैल के तीन दिवसों में कुल 31.8 मिमी बारिश हो चुकी है. इसमें सर्वाधिक बारिश 26 अप्रैल की रात को हुई. इस रात को 27.6 मिमी. बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल के महीने में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई. अप्रैल में मात्र 4.9 मिमी बारिश का औसत है लेकिन यह छह गुना से अधिक हो गई. मई माह में अब तक 19.6 मिमी बारिश हो चुकी है. अप्रैल और मई में अब तक कुल 51.4 मिमी बारिश हो चुकी है.
दिन में तीन और रात के पारे में 5 डिग्री की आई गिरावट
9 मई को प्रदेश का अधिकतम तापमान 36.6 से गिरकर 33.6 डिग्री सेल्सियस हो गया. दिन का पारे में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई. रात का तापमान 25.8 से गिरकर 20.4 डिग्री सेल्सियस हो गया. रात के पारे में 05.4 डिग्री की कमी आई।
आगे भी रहेगा खराब मौसम का दौर
उत्तर प्रदेश के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. नौशाद खान का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में चल रहीं गतिविधयों का असर यहां तक आ रहा है. अगले 48 घंटों में ऐसी संभावना है कि आंधी, तूफान और बारिश आ सकती है. मार्च 2017 में 177 मिमी बारिश हो गई थी जो सामान्य से कई गुना अधिक थी. इस साल अप्रैल में ऐसा हुआ है. मई की शुरुआत में ही काफी बारिश हो चुकी है।
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