गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद हो गया है. कर्नाटक में होने वाली पीएम मोदी की रैली को बाधित करने की सलाह देने वाले जिग्नेश के खिलाफ बीजेपी ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिस पर मेवाणी ने कहा है कि रोजगार का सवाल पूछने पर एफआईआर हो रही है.
दरअसल, शुक्रवार को जिग्नेश कर्नाटक के चित्रदुर्ग में थे, जहां उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोजगार के वादे पर बीजेपी और पीएम मोदी को घेरा. इस दौरान जब उनसे कर्नाटक चुनाव में युवाओं के रोल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपने जवाब में पीएम मोदी के खिलाफ सख्त टिप्पणी कर डाली.
जिग्नेश ने अपने जवाब में कहा, ‘युवाओं का रोल ये हो सकता है कि 15 तारीख को पीएम मोदी की बंगलुरु में जो रैली होने वाली है, उनकी सभा में घुस जाएं और कुर्सियां हवा में उछालें. उनके कार्यक्रम को बाधित कर दें और उनसे पूछें कि 2 करोड़ रोजगार का क्या हुआ?’
हिमालय पर भेजने की सलाह
पीएम मोदी की सभा में कुर्सियां उछालकर रोजगार पर सवाल पूछने तक ही जिग्नेश मेवाणी की सलाह सीमित नहीं रही. उन्होंने नौजवानों से ये भी आह्वान किया कि अगर मोदी रोजगार पर जवाब नहीं देते तो उन्हें कहना कि हिमालय जाकर आराम करें|
जिग्नेश मेवाणी के इस बयान को बीजेपी ने गंभीरता से लिया है, जिसके बाद पार्टी ने जिग्नेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. केस दर्ज होने के बाद जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीट किया और रोजगार का सवाल करने पर एफआईआर होने का आरोप लगाया.
उन्होंने लिखा, ‘हमारी और प्रकाश राज की जनसभा को बंद करवाने के लिए काले झंडे और डंडे लेकर भाजपा के जो गुंडे शिवमोगा में आ धमके, उन पर कोई एफआईआर नहीं, जिन्होंने भारत बंद के कॉल में दलितों की छाती पर गोलियां दागी उन पर कोई करवाई नहीं, लेकिन हमने 2 करोड़ युवा के लिए रोजगार मांगा तो FIR?
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