भारत और चीन के बीच जारी विवाद को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में देश की करीब 17 राजनीतिक पार्टियों के नेता शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछने की तैयारी में हैं। इस बैठक से पहले ही पार्टियों के हमलावर रुख सामने आ रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सरकार से चीन के साथ मौजूदा हालातों को लेकर तथ्य मांगेंगी तो वहीं बैठक में आमंत्रित ना किये जाने को लेकर आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल बेहद नाराज है।
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आप नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की दिल्ली में सरकार है और पंजाब में वह मुख्य विपक्षी पार्टी है फिर भी भाजपा को उसके विचार नहीं चाहिए। सिंह ने ट्वीट किया कि केंद्र में अहंकार से ग्रस्त अजीब सरकार है। आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है। पंजाब में वह मुख्य विपक्षी पार्टी है। देश भर में उसके चार सांसद हैं लेकिन फिर भी भाजपा को इतने अहम मुद्दे पर उसकी राय नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री बैठक में क्या कहेंगे, पूरा देश इसका इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपात के दौरान, सभी दलों को साथ आना चाहिए।
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आप नेता एवं दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि “सभी दलों को साथ लेने के बावजूद, भाजपा गणितीय फार्मूला का प्रयोग कर यह तय कर रही है कि किसे बुलाना है और किसे नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। समझा जाता है कि सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दलों – जिनके पास लोकसभा में पांच सासंदों से ज्यादा है, पूर्वोत्तर के प्रमुख दलों और केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों वाले दलों को सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।
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