नई दिल्ली। वोट डालने के लिए सुबह से आप लंंबी लाइन में लगे हैं. अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही आप उस कमरे में पहुंचते हैं जहां ईवीएम रखी है और मतदान अधिकारी बैठा है तो आपको पता चलता है कि आपका वोट तो डाला जा चुका है. कोई और आपका वोट डालकर जा चुका है. ऐसे में आप उस अनजान इंसान को कोसते हुए घर वापस आ जाते हैं।
रुकिए, एक नियम ऐसा भी है जो इतना सब होने के बाद भी आपको वोट करने का अधिकार देता है. इस नियम को कहते हैं टेंडर वोट. इस बारे में रिटायर्ड अपर ज़िला अधिकारी राकेश मोहन बताते हैं, “अगर लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान आपके साथ ऐसा हो जाए तो घर वापस न आएं. इस बारे में चुनाव आयोग के साफ नियम हैं।”
आप तुरंत मतदान अधिकारी से बात कर आपत्ति दर्ज कराते हुए मांग करें कि आपका टेंडर वोट डलवाया जाए. आप उस क्षेत्र के रहने वाले हैं, आपका नाम वोटर लिस्ट में भी शामिल है या फिर आपके पास अपनी पहचान के संबंध में सभी जरूरी दस्तावेज आधार कार्ड, वोटर कार्ड या पैन कार्ड है।
ये सब मतदान अधिकारी को दिखाएं. आप ये बात अच्छी तरह से याद कर लें कि किसी भी हालात में मतदान अधिकारी आपको टेंडर वोट करने से मना नहीं कर सकता है. इतना ही नहीं अगर किसी पोलिंग स्टेशन पर 14 प्रतिशत या उससे अधिक टेंडर वोट डाले जाते हैं तो उस पोलिंग स्टेशन की वोटिंग निरस्त भी हो सकती है। वहीं दूसरी ओर लिस्ट में नाम नहीं होने पर भी वोट किया जा सकता है. इस बारे में राकेश मोहन बताते हैं, “अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. लेकिन आपके पास अपनी पहचान और उस क्षेत्र में रहने से जुड़े दस्तावेज हैं तो उन दस्तावेजाेंं को मतदान अधिकारी को दिखाएं. उनसे मांग करें कि आपको सेक्शन 49A के तहत चैलेंज वोट डालने का मौका दिया जाए।”
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