आमतौर पर शादी की सही उम्र को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। ‘किस उम्र में शादी कर लेना चाहिए’ को लेकर सभी की अपनी अलग-अलग राय होती है। आदर्श रूप में समाज ने जो उम्र आपकी शादी के लिए तय की है उस उम्र तक शादी न करने पर आपको परिवार व समाज से शादी करने का दबाव महसूस होता ही होगा। लेकिन एक अध्ययन में जो बात सामने आई है उसे जानने के बाद आपको कब शादी करनी चाहिए, ये निर्णय करने में जरूर मदद मिलेगी।
अक्सर देखा जाता है कि समाज में हर काम की एक उम्र बचपन से ही तय कर दी जाती है, जैसे 2.5 से 3 साल की उम्र में बच्चों का स्कूल में दाखिला हो जाए तो बेहतर अन्यथा वे उनकी कक्षा के बाकी साथियों से बड़ी उम्र के कहलाएंगे। अब विद्यालयों की जो वयवस्था है वह इस प्रकार से है कि लगभग सभी विद्यार्थी एक निश्चित अवधि में पढ़ाई खत्म कर बाहर हो जाते हैं। यदि किसी विद्यार्थी को कोई कक्षा दोहरानी भी पड़ी हो व आगे किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए ड्रॉप भी लिया हो तब भी ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन या कोई भी अन्य पाठ्यक्रम 12वीं के बाद लगभग 4-5 साल में पूरा हो जाता है।
पढ़ाई खत्म लगभग 23-24 वर्ष की आयु में अमूमन लोगों की हो जाती है। इसके बाद से ही परिवार वालों, रिश्तेदार, पड़ोसियों को लगने लगता है कि अब आप शादी के लिए तैयार हो गए हैं और यदि आपने पढ़ाई खत्म होने के बाद 2-3 साल नौकरी भी कर ली हो तब तो आपको और अधिक जिम्मेदार, समझदार व शादी के लिए सही चॉइस माना जाता है। पहले तो लड़कों के केस में यह बात लागू होती थी। स्वाभाविक भी है कि हर कोई ऐसा लड़का चाहेगा, जो आर्थिक जिम्मेदारी उठाने लायक हो। आज के परिवेश में यह बात लड़कियों पर भी लागू होती है।
लेकिन सवाल ये है कि आपकी पढ़ाई जिसमें आपने किसी विषय-विशेष का अध्ययन किया, फिर आपकी नौकरी या कोई भी काम जो आप कर रहे हैं जिसमें आपने अपने अध्ययन व कार्यक्षेत्र के ज्ञान का उपयोग किया है, तो इस पूरे वाकये में आप शादी के लिए परिपक्व हैं, ऐसा तो कोई संबंध नजर नहीं आता?
सिर्फ उम्र में बढ़ते जाना शादी के लिए परिपक्व होने की निशानी नहीं है। आमतौर पर शादी के लिए आपको दो मायनों में परिपक्व होना जरूरी है। पहली है, शारीरिक परिपक्वता जो आप चाहे न चाहे आ ही जाती है। उम्र बढ़ने की वयवस्था भी लगभग सभी पर समान रूप से काम करती है। दूसरी है, मानसिक परिपक्वता और असल में यही सबसे महत्वपूर्ण है।
मानसिक परिपक्वता की कोई निर्धारित उम्र नहीं है। कई लोग 19-20 साल में भी शादी जैसी व्यवस्था व जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह से सक्षम होते हैं, वहीं कई लोग 28-30 की उम्र के बाद भी खुद को तैयार नहीं मान पाते हैं।
दरअसल, हम सभी के जीवन में प्राथमिकताएं अलग होती हैं व किसके मन में कब किस काम को करने की इच्छा जागेगी, इसकी भी कोई निश्चित उम्र नहीं होती है। इसीलिए शादी की सही उम्र सभी के अपने व्यक्तिगत स्वभाव, परिवेश, परिस्थितियां, प्राथमिकताएं, भावनात्मक स्थिति आदि कारकों पर निर्भर करती है व सभी के लिए अलग-अलग हो सकती है। इस विषय पर आपको बाहरी किसी के भी प्रभाव में आकर निर्णय नहीं लेना चाहिए। याद रहे, जो लोग देर से शादी करते है ऐसा नहीं है कि वे लोग खुश नहीं रहते हैं।
एक रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि जो लोग 28 से 32 साल की उम्र में शादी करते हैं, उन लोगों के तलाक के चांसेस जल्दी शादी करने वालों की तुलना में बेहद कम होते हैं, क्योंकि इस उम्र तक उन्हें अच्छी तरह पता होता है कि उन्हें कैसा साथी चाहिए व उन्हें जीवन से क्या चाहिए? ये लोग किसी किशोरावस्था व कम उम्र में होने वाले आकर्षण के प्रभाव में आकर साथी नहीं चुनते हैं।
प्रो मैरिज इंस्टीट्यूट ऑफ फैमिली स्टडीज की रिसर्च के अनुसार इस उम्र तक आर्थिक व भावनात्मक स्थिरता काफी हद तक आ आ चुकी होती है, जो शादी में होने वाले जीवन के उतार-चढ़ाव को पार करने के लिए जरूरी है।
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