नई दिल्ली। पाकिस्तान के लाहौर के आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज़ सईद और तीन अन्य को गिरफ्तारी से पहले ही जमानत दे दी है. ये जमानत मदरसे की जमीन के अवैध उपयोग से संबंधित मामले में दी गई है.
बता दें इससे पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान जल्द ही हाफिज सईद को सलाखों के पीछे भेजने वाला है. पाकिस्तान ने इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की ओर से ग्लोबल आतंकी घोषित किए जा चुके हाफिज़ सईद पर पाकिस्तान सरकार ने एनजीओ के नाम पर टेरर फंडिंग के लिए फंड इकट्ठा करने के मामले दर्ज किए थे.
इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने सईद के साथ उसके संगठन के अन्य सदस्यों के खिलाफ दर्ज किए थे. लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में एनजीओ के नाम पर टेरर फंडिग के लिए पैसे जुटाने वाले ये मामले अल-अनफाल ट्रस्ट, दावत उल इरशाद ट्रस्ट पर दर्ज किए गए.
13 आतंकियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज
पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने इस मामले में हाफिज़ सईद समेत जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए गए हैं. सूत्रों से खबर मिल रही है कि मामले दर्ज होने के बाद इन आरोपियों को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
एटीसी ने ये जमानत हाफिज सईद के साथ-साथ हाफिज़ मसूद, अमीर हमज़ा और मलिक ज़फ़र को दी है. इस सभी को 31 अगस्त को 50,000 पाकिस्तानी रुपये के बॉन्ड भरने होंगे.
सुनवाई के दौरान, आरोपी सईद के कानूनी वकील ने कहा कि जमात-उद-दावा अवैध रूप से भूमि के किसी भी टुकड़े का उपयोग नहीं कर रहा है. इसी के साथ ही उसने अदालत से जमानत की याचिका स्वीकार करने की अपील किया.
वहीं लाहौर हाईकोर्ट ने CTD द्वारा दर्ज किया गया टेरर फंडिग के मामले को चुनौती देने वाली जमात- उद-दावा प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद और उनके सात सहयोगियों की दायर याचिका के संबंध में संघीय सरकार, पंजाब सरकार और आतंकवाद-रोधी विभाग (CTD) को नोटिस जारी की है.
Leave a Reply