छात्रों की अंटेंडेंस को लेकर कड़े दिशा-निर्देश दिए हैं। अब स्कूलों को छात्रों की उपस्थिति को लेकर पूरी जानकारी बोर्ड को देनी होगी और बोर्ड ही इस पर अंतिम निर्णय लेगा।
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिॆक्षा बोर्ड ने स्कूलों में छात्रों की अटेंडेंस को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब स्कूलों को छात्रों की उपस्थिति को लेकर पूरी जानकारी बोर्ड को देनी होगी और बोर्ड ही इस पर अंतिम निर्णय लेगा। बोर्ड के मुताबिक इस साल 2019 में कम अंटेंडेंस वाले छात्रों को छूट दी गई और उन्होंने परीक्षा में खराब प्रदर्शन किया। जिस वजह से विद्यार्थियों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की गई।
अब इन नियमों का करना होगा पालन-
- CBSE के एक अधिकारी के मुताबिक सभी मामलों में पैरेंट्स द्वारा अनुरोध पत्र, संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र और आवश्यक परफॉर्मा में संबंधित स्कूल की सिफारिश संबंधी डॉक्यूमेंट्स जमा कराने होंगे।
- हर सत्र में स्कूलों को सभी छात्रों की उपस्थिति संकलित कर शॉर्ट अटेंडेस के मामलों की पहचान करनी होगी, और इसके बाद 7 जनवरी तक पूरा ब्यौरा सीबीएसई के क्षेत्रीय ऑफिस में भेजना होगा। इसके साथ सभी जरूरी दस्तावेज भी संलग्न करने होंगे।
- इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय डॉक्यूमेंट्स में किसी भी तरह की कोई कमी के बारे में स्कूलों को बताएगा और स्कूलों को समयसीमा के अंदर इसका अनुपालन करना होगा। CBSE द्वारा इस मामले में मंजूरी देने के लिए अंतिम तिथि सात फरवरी होगी।
- इसके अलावा बीमारी, माता या पिता का निधन या फिर इसी तरह किसी अन्य कारण के लिए मानक संचालक प्रक्रियाओं में छूट दी जाएगी। इसी तरह राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में हिस्सा लेने के लिए भी छात्रों को राहत दी जाएगी।
बोर्ड के परीक्षा उपनियमों के नियम 13 में सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में बैठने के पात्र बनने के लिए छात्रों की आवश्यक हाजिरी के बारे में बताया गया है। जबकि परीक्षा उपनियमों के नियम 14 में यह बताया गया है कि कितने प्रतिशत हाजिरी तक छात्रों को परीक्षा में बैठने की छूट मिल सकती है या उसके परीक्षा में बैठने के संबंध में विचार किया जा सकता है।
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