नई दिल्ली। सऊदी अरब और कतर के बीच पहले से ही तनातनी च रही है। सऊदी अरब के इस प्रोजेक्ट से दोनों देशों के बीच एक बार फिर संकट पैदा सकता बै। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कतर से लगी सीमा पर के पास एक समुद्री नहर खोद सकता है। सऊदी अरब के इस प्रोजेक्ट से प्रायद्वीप राष्ट्र कतर एक टापू बन जाएगा और उसकी एकमात्र भूमि सीमा सैन्य क्षेत्र और परमाणु कचरे के स्थान में बदल जाएगी।
सऊदी अरब के सरकारी अखबारों में इस प्रस्ताव से संबंधित खबरे छपने के बाद ऐसी आशंकाओं को बल मिला है। हालांकि, इस प्रॉजेक्ट को अभी तक आधिकारिक मंजूरी नहीं मिली है।
इस प्रस्ताव को दोनों देशों के बीच 10 महीने से चल रहे तनाव की स्थिति में एक बार फिर संकट पैदा करने वाला माना जा रहा है। इससे पहले जून 2017 में सऊदी अरब के नेतृत्व में कई देशों ने कतर से अपने राजनयिक संबंध खत्म कर दिए थे। इन देशों में सऊदी अरब के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहराइन शामिल थे।
चारों देशों का आरोप था कि कतर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और ईरान के साथ उसके अच्छे संबंध हैं। हालांकि, कतर ने इन आरोपों को खारिज किया था और अपनी संप्रभुता के खिलाफ करार दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नहर पूरी तरह से कतर की सीमा से सटी होगी। इस नहर को बनाने में करीब 2.8 अरब रियाल यानी 48.46 अरब रुपये खर्च होंगे। नहर 200 मीटर (656 फीट) चौड़ी और 20 मीटर (66 फीट) गहरी होगी।
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