लॉकडाउन: विदेशों से और दूसरों राज्यों से लौटे इतने हजार लोग किए गए Isolate

गोरखपुर। गोरखपुर में लॉक डाउन के बाद जिन्दगी ठहर सी गई है। लोग अपने घरों में कैद हो गये हैं। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिनकी भूख बाहर निकलने वाले लोगों से ही मिटती थी. इन अर्ध विक्षिप्त और भीख मांग कर खाने वाले लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. इनकी भूख मिटाने के लिए गोरखपुर डीएम के विजयेन्द्र पाण्डियन ने एक पहल की है. इसके लिए शहर के 40 रैन बसेरों को खोल दिया गया है। इसमें इस तरह से लोगों को लाकर रखा जा रहा है। वहीं पर उन्हें खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही उनके स्वास्थ्य की जांच की भी व्यवस्था की गई है।

इसी के साथ गोरखपुर में कोरोना के खिलाफ भी जंग जारी है। इस जंग में जो सबसे अधिक संदिग्ध हैं, वो पिछले दिनों विदेश से आने वाले लोग हैं। गोरखपुर में इनकी संख्या 1640 है। ये लोग विदेशों से पिछले दिनों अपने घरों को लौटे हैं। इन लोगो के साथ इनके परिवारवालों को भी जिला प्रशासन ने आइसोलेट कर दिया है। साथ ही विदेश से आये लोगों के हाथों पर एक ठप्पा भी लगा दिया गया है। इनको अगर कोई असुविधा हो रही है तो उनकी मदद जिला प्रशासन कर रहा है।

हर ग्राम सभा में बनाई गई 7 सदस्यीय कमेटी
इसी के साथ अभी तक जिले में 30 हजार ऐसे लोग भी आये हैं, बाहर रहकर जीवनयापन करते थे। उन लोगों को भी आइसोलेट कर दिया गया है। इन पर नजर रखने और इनके खाने-पीने के इंतजाम के लिए प्रत्येक ग्राम सभा में एक सात सदस्यीय कमेटी भी बनाई गयी है। इसमें प्रधान, लेखपाल, सचिव, एएऩएम, आशा, सफाई कर्मी, राशन डीलर शामिल हैं। ये सभी लोग इन पर नजर रखने के साथ साथ इन लोगों को खाने पीने का सामान भी उपलब्ध करायेंगे।

डीएम की नई पहल
डीएम ने बताया कि जो मजदूर बाहर के रहने वाले हैं, वे गोरखपुर में अगर फंस गये हैं तो उनके रहने के लिए तीन रैन बरेसों का अलग से इंतजाम किया गया है। जहां पर उनके रहने खाने और स्वास्थ्य की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। डीएम का कहना है कि किसी को अगर कोई दिक्कत हो तो वो मुझे फोन पर सूचित कर सकता है। उसके रहने और खाने का इंतजाम कर दिया जायेगा।

साथ ही डीएम ने अक्षय पात्र को गरीबों को मुफ्त खाना खिलाने के लिए निर्देश दिया है। जिला प्रशसान द्वारा उनको राशन दिया जायेगा, जिसके बाद वो उसे बनाकर गरीबों में वितरित करेंगे। अक्षयपात्र की मौजूदा क्षमता 10 हजार लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाने की है। साथ कई होटलों से भी गरीबों के लिए खाने का पैकेट तैयार कराने की तैयारी चल रही है।

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