नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव हो रहे है और पिछले चुनाव के वक्त सबसे मुखर और सक्रिय लोगों में शामिल योग गुरु बाबा रामदेव पूरे परिदृश्य से गायब दिख रहे हैं. बाबा रामदेव भले ही इस समय राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं. लेकिन उनकी एक शिष्या राजनीति के दंगल में अपनी किस्मत आजमा रही है. डांसर और तेलुगू फिल्मों में एक्ट्रेस रही उनकी एक्स मॉडल शिष्या अब दिल्ली दरबार में पहुंचने के लिए 40 डिग्री से ज्यादा तापमान में चुनावी प्रचार में जुटी हैं. बडनेरा विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विधायक रवि राणा की इस अदाकारा पत्नी के रील लाइफ से लेकर रियल लाइफ तक की स्टोरी के बारे में बताने जा रहा है.
मुंबई में आर्मी अफसर के घर में जन्मी नवनीत कौर का छोटे व बड़े परदे पर अपनी अदाओं के जलवे बिखेरने के बाद अब मतदाताओं से वोट मांगने का सफर किसी मुंबइया मसाला फिल्म से कम दिलचस्प नहीं है.
बताते हैं कि नवनीत को पढ़ाई में शुरुआत से ही कोई दिलचस्पी नहीं थी. इस वजह से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ मॉडलिंग शुरू कर दी. वह दौर म्यूजिक एलबम का था. ऐसे में उन्हें छह एलबम में काम करने का मौका भी मिला. उनकी यह दिलचस्पी उन्हें बड़े परदे की तरफ लेकर गई. मॉडलिंग और डांस के बाद उन्होंने कन्नड़ और तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री का रुख किया. कन्नड़ फिल्म ‘दर्शन’ के साथ उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ. इसके बाद उन्होंने कई तेलुगु फिल्मों में काम किया. इस दौरान उन्हें मलयालम और पंजाबी फिल्म से भी ऑफर आए. डांसिंग रियलिटी शो में उनकी अदाओं ने उन्हें सुपर स्टार बना दिया.
डांसिंग, मॉडलिंग और एक्टिंग के अलावा नवनीत की दिलचस्पी योग में भी है. योग से लगाव की वजह से वह बाबा रामदेव से जुड़ गईं. वह योग गुरु से इतनी प्रभावित हैं कि उन्हें अपने पिता की तरह सम्मान देती हैं.
नवनीत की तरह ही उनके पति रवि राणा भी राजनीति में सक्रिय होने के साथ योग से जुड़े हुए है. नवनीत और रवि की मुलाकात बाबा रामदेव के ही एक योग कैंप में हुई थी. बाद में दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे, लेकिन इस रिश्ते को आगे बढ़ाने से पहले वह बाबा रामदेव की शरण में पहुंचे. उनकी अनुमति मिलने के बाद ही दोनों ने शादी करने का फैसला लिया. दोनों ने तीन हजार से ज्यादा जोड़ों के साथ सामूहिक विवाह समारोह में एक-दूजे का हाथ थाम लिया. इस दौरान आशीर्वाद देने के लिए बाबा रामदेव भी मौजूद थे.
एक्ट्रेस से अब नेता
नवनीत के पति रवि राणा अमरावती जिले के बडनेरा से विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. पति की तरह उन्होंने भी पिछले लोकसभा चुनाव में राजनीति में पदार्पण किया. 2014 लोकसभा चुनाव में वह अमरावती से एनसीपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी थीं. हालांकि, शिवसेना के आनंदराव अडसूल और मोदी लहर के आगे उनकी चुनौती टिक नहीं सकी. वह सवा लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव हार गई थीं.
इतिहास बदलने की चुनौती
छोटे और बड़े परदे को छोड़कर नवनीत राणा अब एक बार फिर महाराष्ट्र की अमरावती संसदीय सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. शिवसेना का मजबूत गढ़ बन चुकी इस सीट पर शिवसेना ने पिछले चार चुनावों में जीत हासिल की है. वहीं, कांग्रेस के टिकट पर आखिरी बार भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 1991 में जीत हासिल की थी. ऐसे में एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से स्वाभिमानी युवा संगठन पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी नवनीत राणा के सामने शिवसेना के मजबूत गढ़ को ढहाने की बेहद कड़ी चुनौती होगी.
Leave a Reply