— नंदोत्सव की उमंग, सराबोर हुए श्रद्धालु
— अनुयाईयों में लाला की छी- छी लूटने की मची रही होड़
— कृष्ण बलराम की शोभायात्रा का किया पुष्प वर्षा से स्वागत
— नंद चौक पर भजनों की धुनों पर ब्रजवासियों के साथ जमकर थिरके भक्त
गिरधारी लाल श्रोत्रिय
मथुरा। शनिवार की मध्य रात्रि में देवकी नंदन के जन्म की खुशी, बधाई और शुभकामनाएं छाई रही। वहीं रविवार को पूरे ब्रज में गोकुल से लेकर वृंदावन तक नंदोत्सव में उल्लास, उत्साह एवं उमंग की त्रिवेणी में गोता लगाते भक्त सराबोर दिखे। भक्तों का रेला गोकुल की ओर बढ़ चला। हर ओर यशोदा के लाल को बस एक बार और निहारने की ललक थी। अजन्मे के जन्म पर बंटी बधाइयां लूटने की ललक थी। क्या महिला- क्या पुरुष, हर कोई कान्हा की गोपी बना भजनों पर थिरके जा रहा था और उमंगों में खाेया जा रहा था। जन्म के दूसरे दिन श्रद्धालुओं का रुख गोकुल, वृंदावन सहित ब्रज के अन्य मंदिर और तीर्थ स्थानों की ओर हाे लिया। रविवार की सुबह ब्रज में नंद के आनंद भये जय कन्हैया लाल का स्वर गुंजायमान दिखा।
गोकुल में नंदोत्सव के तहत सुबह से ही श्रद्धालु नंद लाला की जय-जयकार के साथ नंदभवन में जुटना शुरू हो गए। गोकुल वासी ही नहीं देश के कौने कौने से आए श्रद्धालु बधाई लेकर नंद भवन पहुंच रहे थे। कोई एक दूसरे को लाला के जन्म की बधाई देता हुआ दिखाई दिया। नंद भवन से कृष्ण बलराम की भव्य शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। जिसमें बैंड बाजों की धुनों में भक्ति रस की सरिता प्रवाहित हो रही थी। जिसमें रमकर हर कोई नाचते और गाते हुए चल रहा था। शोभायात्रा में दही-हल्दी मिश्रित लाला की छी-छी को छिड़कते हुए चल रहे थे। धीरे धीरे नाचते गाते हुए ब्रजवासी और भक्त अपने प्रभु श्रीकृष्ण औरउनके ज्येष्ठ भ्राता बलराम के स्वरूपों के साथ धिरकते हुए नंदचौक की ओर बढ़ रहे थे। लाला के जन्म की खुशी का इजहार करते हुए फल, मेवा, कपड़े, खेल, खिलौने लुटाते हुए आगे बढ़ रहे थे। लाला की खुशी में डूबे ब्रजवासी और श्रद्धालुओं से द्वापर का दृश्य जीवंत हो उठा।
नंदोत्सव के यही दृश्य श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित वृंदावन के राधारमण मंदिर, राधादामोदर, प्रियाकांत जू मंदिर सहित अनेकों मंदिरों में देखने को मिले। इस मौके पर छीछी लीला के साथ लाला की खुशी में जमकर उपहार लुटाए गए।
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