महाराष्ट्र : ये हैं 162 विधायकों का दम, देवेंद्र फडणनवीस को देना होगा इस्तीफा

मुम्बई के हयात होटल में वी आर 162 के पोस्टर-बैनर दिखे। उद्धव ठाकरे, शरद पवार और मल्लिकार्जुन खड़के की मौजूदगी में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों की यह संख्या थी, ऐसा दावा किया जा रहा था। यह वह संख्या थी जितने विधायकों के समर्थन का दावा राज्यपाल के सामने सोमवार को ही तीनों दलों की ओर से दिया गया था। इन विधायकों ने अपने-अपने नेतृत्व यानी उद्धव, शरद और सोनिया के नाम पर शपथ खाते हुए यह तय किया कि ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिससे बीजेपी को फायदा हो। इन्होंने एकजुट रहने का भी संकल्प लिया। मगर, एक सवाल उठाया जा रहा है कि वाकई 162 विधायक वहां मौजूद थे?

प्रियंका चतुर्वेदी, सुप्रिया सुले की तस्वीर पर सवाल

कई ट्वीट ऐसे भी हुए जिसमें प्रियंका चतुर्वेदी और सुप्रिया सुले की तस्वीरें दिखाई गयीं। संकेत दिया गया कि ये विधायक नहीं हैं फिर भी उस मीटिंग में मौजद रहीं। एक तरह से 162 की संख्या पर प्रश्न उठाए गये। इस बात पर शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट लिखकर यह साफ किया कि चार विधायक एनसीपी के जिरवाल देर से पहुंचे, धर्मराव आत्माराम अस्पताल में हैं और सम्पर्क में हैं, जबकि कांग्रेस के पृथ्वीराज चह्वाण दिल्ली में और सुनील केदार ज़िला परिषद चुनाव के सिलसिले में नागपुर में हैं। यानी इन चार विधायकों को छोड़कर बाकी सभी 158 विधायक होटल हयात के शक्ति प्रदर्शन में मौजूद रहे।

हालांकि प्रियंका चतुर्वेदी के दावे पर यकीन करने का कोई आधार नहीं है, मगर इस शक्ति प्रदर्शन का मकसद यह साबित करने से अधिक संकेत देना था कि तीनों दल एकजुट हैं। इसका मकसद सरकार बनाने वाले खेमे में हलचल पैदा करना और उन्हें हताश करना था। यह प्रदर्शन अजित पवार के लिए भी था कि अब उनके पास कोई रास्ता बचा नहीं है। संख्या का परीक्षण तो वास्तव में फ्लोर में ही होगा। वास्तव में उससे पहले यह नैतिक जीत का बल जोड़कर अपने विरोधियों को हताश करने की यह रणनीति कही जा सकती है।

विधायकों ने अपने-अपने नेताओं उद्धव, शरद और सोनिया गांधी के नाम की शपथ खाई और कहा कि ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे बीजेपी को फायदा हो। तस्वीर ट्विटर हैंडल से।

फिर देना होगा देवेंद्र फडणनवीस को इस्तीफा?

बीजेपी जिन 170 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है उसमें 54 एनसीपी के हैं और इसे अलग कर देखें तो बीजेपी की सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 116 रह जाती है। फिर बाकी विधायक वे अपने साथ कैसे जोड़ेंगे, यह बड़ा सवाल बन जाता है। अगर तीनों दल अपने दावे के अनुरूप 162 की संख्या को और आगे बढ़ाने के दावे में सफल होते हैं तो फडणनवीस सरकार की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में एक बार फिर अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाएंगे देवेंद्र फडणनवीस।

होटल हयात में जुटे विधायकों को गिन पाना अधिक मुश्किल नहीं है। महाराष्ट्र के लोग तो आसानी से उन्हें गिन और पहचान सकते हैं। सिर की गिनती तो बाहर के लोग भी कर सकते हैं। यह गिनती तस्वीरों में या फिर वीडियों में भी की जा सकती है। इसलिए जब बीजेपी नेताओं ने इस संख्या पर उंगली उठायी, तो उसे बहुत गम्भीरता से नहीं लिया गया। मूल बात ये है कि राजनीति की आम समझ रखने वालों को भी यह बात पता है कि मौजूद विधायकों की संख्या 145 से ज्यादा और 162 के आसपास है।

खाली रही देवेंद्र के बगल की अजित पवार की कुर्सी

मीडिया में एक तस्वीर आज चर्चा में है कि फडणनवीस सरकार में मुख्यमंत्री की बुलायी बैठक में उपमुख्यमंत्री की कुर्सी खाली रही। दोनों ने आज ही अपना-अपना कार्यभार सम्भाला था। डिप्टी सीएम अजित पवार के लिए लगातार ऐसी ख़बरें परेशान करने वाली रहीं कि विधायक उनसे बिदकते रहे। मगर, होटल हयात में जुटे विधायकों की संख्या अजित पवार को उनके राजनीतिक भविष्य के लिए डराने वाली है। विधायक दल के नेता के साथ विधायक न रहें तो यह पद बेमानी हो जाता है। ऐसी स्थिति में अजित पवार की ताकत हवा हो जाती दिख रही है। जाहिर है इससे उनका नैतिक बल कमजोर होगा। हालांकि एक दिन पहले एक के बाद एक ट्वीट करते समय उनमें उत्साह लौटा दिखायी दिखा था, लेकिन अगले ही दिन यह उत्साह गायब हो गया। इसे कहते हैं 162 विधायकों का दम।

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