मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस में बीजेपी के बागी उम्मीदवारों को साधने में लगी है। कांग्रेस अपनी दूसरी लिस्ट में बीजेपी के कई बागी नेताओं को टिकट दे सकती है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मंथन कर रहे हैं। 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में उन बीजेपी नेताओं के नाम हो सकते हैं जहां से बीजेपी ने कांग्रेस के बागी विधायकों को टिकट दिया है।
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कांग्रेस पहले ही 15 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है। जबकी 13 उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक हफ्ते में कांग्रेस इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपचुनाव वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तीन सर्वे कराए हैं और उसी के आधार पर उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे।
बीते दिनों कमलनाथ की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व विधायक पारुल साहू कांग्रेस में शामिल हो गईं। साहू सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। उम्मीद जताई जा रही है पारुल साहू सुरखी विधानसभा उपचुनाव में शिवराज सरकार में राज्य परिवहन मंत्री और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ कांग्रेस के टिकट से दावेदारी कर सकती हैं। वहीं कमलनाथ कई अन्य बीजेपी के बागी नेताओं को साधने में लगे हैं।
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कांग्रेस की पहली लिस्ट में 15 में से पांच उम्मीदवार ऐसे हैं जो दूसरे दलों से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कांग्रेस ने सर्वे में पाया कि इनका रिकॉर्ड और क्षेत्र में बेहतर जनाधार और जनता पर मजबूत पकड़ है जिसके बाद इन्हें टिकट दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, BJP और कई अन्य दल के नेता बगावत कर सकते हैं। कांग्रेस ऐसे ही बागियों को साधने में लगी है।
बहरहाल, देखना होगा कि इस उपचुनाव में शिवराज-सिंधिया फैक्टर कितना सार्थक साबित होता है और कमलनाथ की रणनीति क्या रंग लाती है। चुनाव आयोग पहले ही साफ कर चुका है कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव बिहार चुनाव के साथ ही होंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि नवंबर से पहले-पहले चुनाव होंगे हांलाकि तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश में 15 नवंबर तक उपचुनाव हो सकते हैं।
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