संवाददाता
यूनिक समय/फरह (मथुरा)। 55 वर्षीय अंधे हाथी ‘भोला’ ने कई वर्ष बेड़ियों में बंधे और अपमानजनक जिन्दगी जीने के बाद, आज आजादी के 10 वर्ष वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ पूरे किये हैं। 2010 में नोएडा के हाईवे पर ट्रक से दुर्घटनाग्रस्त हुए भोला को तुरंत उपचार और देखभाल के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में लाया गया था।
दुर्घटना से पहले, भोला ने अपने मालिक के हाथों दशकों तक दुर्व्यवहार सहा। अक्सर उसे अपनी पूंछ के सहारे पेड़ों से बांध दिया जाता था, जिससे परिणामस्वरूप उसे पूंछ में गंभीर चोट आईं। इस पांच टन के नर हाथी को उसके मालिकों द्वारा नियमित रूप से एक लोहे की छड़ से पीटा जाता था और इस ही क्रूरता ने उसे एक आंख से अंधा और दूसरे में मोतियाबिंद के साथ छोड़ दिया था।
आज, जैसा कि यह नर हाथी एनजीओ की देखरेख में एक दशक पूरा कर चुका है, वह पहले की भांत् िकेंद्र में आने वाले कमजोर भोला से काफी अलग दिखता है। लगातार कीचड़ और पूल में स्नान के साथ-साथ वह अपने विशाल बाड़े में टहलते हुए स्वस्थ और स्वादिष्ट भोजन जैसे कच्चे केले, लौकी, खीरा, कद्दू, पालक और हरे चारे का आनंद उठाता है। उसे वर्तमान में नियमित मेडिकेटेड फुट मसाज और विशेष उपचार भी दिया जा रहा है।
भोला की 10वीं वर्षगांठ मनाने के लिए, वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने विभिन्न प्रकार की दाल और आटे से स्वादिष्ट केक को केला, तरबूज, पपीते और खीरे से सजाया जिसे भोला ने आनंद लेकर मजे से खाया।
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