मथुरा: कुकर्म और हत्या के दोषी को फांसी की सजा, कोर्ट का 15 दिन में फैसला

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कोर्ट ने इस केस में चार्ज शीट दाखिल होने के बाद त्वरित गवाही शुरू करा दी गई थी। आज कोर्ट में जब फैसला आया, तो बच्चे का पिता जहां रो पड़ा, वहीं अधिवक्ता भी भावुक हो गईं।

मथुरा में पोक्सो कोर्ट में एक बार फिर इतिहास रचा है। जनपद के चर्चित नौ साल के नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट जज रामकिशोर यादव की अदालत ने आरोप पत्र दाखिल होने के 15 दिन में फांसी की सजा व एक लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

इस केस की सरकार की ओर से पैरवी कर रहीं स्पेशल डीजीसी पोक्सो कोर्ट एडवोकेट अलका उपमन्यु ने बताया कि मथुरा के औरंगाबाद क्षेत्र में एक नौ साल का बच्चा आठ अप्रैल 2023 को शाम को गायब हो गया था। बच्चे के पिता द्वारा थाना सदर बाजार में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने अनहोनी की संभावना को देखते हुए बच्चे की तलाश शुरू कर दी। आसपास के सीसीटीवी कैमरे देखे गए, जिसमें बच्चा ताऊ की दुकान पर काम करने वाले सैफ के साथ दिखाई दिया था। इसके बाद पुलिस ने सैफ को गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ की।

सैफ ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और उसकी निशानदेही पर घर से 500 मीटर दूर स्थित नाले से बच्चे के शव को बरामद कर लिया। पूछताछ में आरोपी सैफ ने बताया कि वह बच्चे को अपने साथ ले गया था और घर से 500 मीटर दूर नाले के पास उसने बच्चे के साथ कुकर्म किया था। वहीं उसे पहचान उजागर होने का डर था जिसकी वजह से उसने बच्चे की लोहे की स्प्रिंग से गला दबाकर हत्या कर दी। हत्यारे सैफ के खिलाफ पुलिस ने धारा 363, 302, 201, 377 और धारा-6 पोक्सो एक्ट अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी सैफ पुत्र तस्सबुर खान मूल रूप से केडीए कॉलोनी थाना जाजमऊ कानपुर का रहने वाला है और मथुरा के औरंगाबाद में रहता है।

स्पेशल डीजीसी एडवोकेट अलका उपमन्यु ने बताया कि इस घटना की चार्जशीट न्यायालय में 28 अप्रैल 2023 को आई थी। अभियुक्त पर न्यायालय में दो मई 2023 को चार्ज लगाया गया था। इसमें कुल 14 गवाह थे। आठ मई को पहली गवाही कराई गई तथा 18 मई को सभी की गवाही खत्म कराई। 22 मई को फाइनल बहस हुई थी तथा 26 मई को आरोपी सैफ पर सभी धाराओं में दोष सिद्ध कर दिया गया था।

आरोपी सैफ को सजा सुनाई गई तो कोर्ट में मृतक अरहान की मां नाजिस और पिता अफजल फूट-फूट के रो पड़े। उनका कहना था कि आज हमारे बेटा को न्याय मिला है। त्वरित कार्यवाही से हम पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं। कोर्ट में मां बाप को रोता देख स्पेशल डीजीसी पोक्सो एडवोकेट अलका उपमन्यु भी अपने को न रोक सकीं और भावुक हो गयीं।

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