मथुरा: संकट में एंबुलेंस बनीं अस्पताल, तीन बच्चों को मिला जन्म

संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। प्रसव पीड़ा से कराहती हुई दो महिलाओं के लिए एंबुलेंस अस्पताल बन गई। 24 घंटे में एंबुलेंस में तीन बच्चों को जन्म मिला है। ऐसी हालातों में एंबुलेंस सेवा एक बार फिर संकट में मददगार साबित हुई है।
एंबुलेंस सेवा के जिला प्रोग्राम मैनेजर अजय सिंह ने बताया कि गुरुवार को एक सूचना पर जिला हॉस्पिटल से एंबुलेंस गांव बाटी (बाजना) भेजी। गांव बाटी के कन्हैया की पत्नी गीता (26 वर्ष) को प्रसव पीड़ा हुई थी। एंबुलेंस में महिला को दिक्कत होने लगी। अपनी सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने एंबुलेंस को साइड में रोक कर महिला की डिलीवरी कराई। उसके बाद महिला और शिशु को जिला महिला अस्पताल लाया गया।
प्रोग्राम मैनेजर अजय सिंह ने बताया कि शुक्रवार को एक और सूचना मिली। यह सूचना मिलते ही एंबुलेंस को जिला अस्पताल से ग्राम जैंत भेजा गया, जहां से वीर नारायण की पत्नी राधा (30 वर्ष) को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौमुहां ले जाया गया। इस महिला ने चौमुहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही रास्ते में बच्चे को जन्म दिया। स्वास्थ्य केंद्र पर महिला चिकित्सक ने बताया कि अभी राधा के पेट में एक और बच्चा है। यह उल्टा है। अत: उसे तत्काल जिला महिला अस्पताल मथुरा ले जाना पड़ा।
एंबुलेंस जब इस प्रसूता को लेकर जिला महिला अस्पताल मथुरा आ रही थी, तभी रास्ते में दूसरा बच्चा भी पैदा हुआ। एंबुलेंस सेवा दे रहे तकनीशियन और चालक ने एंबुलेंस को रोड के किनारे खड़ा कर सुरक्षित प्रसव कराया इस महिला के दूसरा बच्चा पैदा हुआ। बाद में जच्चा वह दोनों बच्चों को जिला महिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया।

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