आवासीय और व्यावसायिक भवन बनाकर बेचेगा
यूनिक समय/मथुरा/लखनऊ। विकास प्राधिकरण एवं विकास परिषद की तरह नगर निगम भी आवासीय एवं व्यावसायिक भवन बना कर बेच सकेगा। इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। सरकार पीपीपी मॉडल या स्वयं के खर्च पर इसे बनाने की अनुमति देगी। इसके पीछे मकसद है नगर निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत करना। सूत्रों के मुताबिक लखनऊ में नगर विकास विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में इस पर लगभग सहमति बन गई है। विभागीय मंत्री से अनुमति के बाद इस संबंध में निकायों को निर्देश दिया जाएगा। गौरतलब है कि शहरों में नगर निगमों के पास काफी जमीन है। इन जमीनों पर आए दिन अवैध कब्जे होने की शिकायतें मिलती रहती हैं। नगर निगम इसलिए चाहता है कि वह अपनी जमीनों में आवासीय और व्यावसायिक भवन बनाने की अनुमति मिले, जिससे वो इसे बेचकर अपनी आय बढ़ा सकें। लखनऊ नगर निगम ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भी भेजा है। इसके आधार पर ही अन्य नगर निगमों में इस तरह के भवन बनाने की अनुमति देने पर विचार-विमर्श हो रहा है। नगर विकास विभाग का मानना है कि इससे निकायों की आय में वृद्धि होगी और उसके जमीनों पर अवैध कब्जे का झंझट भी खत्म हो जाएगा।
पहले चरण में नगर निगमों में इसे बनाने की अनुमति देने की तैयारी है। प्रदेश में मौजूद 17 नगर निगम में अलीगढ़, आगरा, मेरठ, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर को अनुमति देने की तैयारी है। हाल ही में नगर निगम के अधिकारियों ने अपनी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। कई और इलाकों में जमीन को मुक्त कराने का अभियान चलाया जाएगा।
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