दिल्ली से रोडवेज बस से जा रही युवती की तबीयत खराब होने पर चालक ने कोरोना के शक में उसे यमुना एक्सप्रेसवे पर उतार दिया। बस से नीचे उतरने के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। मामला मथुरा के मांट थाना क्षेत्र का है। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती को शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
फिरोजाबाद की तहसील शिकोहाबाद के गांव नगला हीरा सिंह निवासी सुशील यादव का परिवार दिल्ली के पटपडगंज में रहता है। सुशील यादव निजी कंपनी में सुरक्षा गार्ड है, जबकि उसका बेटा विपिन वहां टैक्सी चालक है।
सोमवार शाम को सुशील की पत्नी सर्वेश कुमारी और पुत्री हंसिका (19) रोडवेज बस से शिकोहाबाद आ रहे थे। विपिन और उसकी पत्नी दीप्ति बाइक से आ रहे थे। पथरी की बीमारी से पीड़ित हंसिका की मांट टोल से पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई।
युवती की हालत देख शोर मचाने लगी थीं सवारियां
यह देखकर बस में सवार अन्य लोगों ने कोरोना का शक जाहिर कर शोर मचाना शुरू कर दिया। टोल से करीब 200 मीटर पहले बस चालक ने बस रोककर मां-बेटी को उतार दिया और बस को आगरा की ओर भगा ले गया।
बस से उतरते ही हंसिका तड़पने लगी और थोड़ी देर में उसने दम तोड़ दिया। सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक भीम सिंह जावला व प्रभारी टोल चौकी प्रभारी प्रवीण पांडेय मौके पर पहुंच गए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानकारी पाकर सीओ रविकांत पाराशर ने भी टोल चौकी पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली। मृतका के भाई विपिन ने बताया कि हंसिका को पथरी की दिक्कत थी, पर पता नहीं बस में उसे क्या दिक्कत हुई, जो उसकी मौत हो गई।
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