प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। यम द्वितीया पर भाई-बहनों ने यमराज-यमुना महारानी की जय-जयकार के साथ विश्राम घाट पर यमुना में डुबकी लगाई। डुबकी लगाने के बाद बहनों ने भैया को तिलक किया। फिर मंदिर में दर्शन कर यम की फांस से बचने के लिए प्रार्थना की। देर रात्रि से विश्राम घाट पर भाई-बहनों के आने का सिलसिला शुरु हो गया और सोमवार की दोपहर तक चला।
पांच दिवसीय दीपोत्सव भैया दोज के साथ समापन हो गया। भैया दोज ( यम द्वितीया) को मथुरा के विश्राम घाट पर यमुना में डुबकी लगाने का बड़ा महत्व है। इस दिन भाई बहन यहां आते हैं और यमुना में डुबकी लगाकर यमराज के मंदिर में पहुंचकर दर्शन करते हैं। देश में यमराज-यमुना महारानी का मंदिर मथुरा में ही है। देश के कौने-कौने से मथुरा पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन काफी सतर्क नजर आया।
हालांकि नगर निगम के आयुक्त रविंद्र मांदड और मेयर डा. मुकेश आर्य बंधु ने भी अपनी ओर से कई व्यवस्थाएं की। यमुना के दोनों ओर पैनी नजर लगी हुई थी, जिससे कोई अप्रिय घटना ना हो। होली गेट के अंदर किसी भी वाहन को प्रवेश नहीं दिया गया।
इंदौर (मध्य प्रदेश) से आए भैया-बहन सुभाष गुप्ता और मधु गुप्ता का कहना था कि कई सालों से तमन्ना थी कि वह भैया दोज पर यमुना में डुबकी लगाएं, वह मौका मिल गया। बड़ा आनंद आया।
दिल्ली से आई सरोज सिंह और आनंद सिंह कहते हैं कि यमुना तो दिल्ली में है, किंतु मथुरा में यमुना का अलग महत्व है। यहां आकर हम दोनों भैया-बहन ने यमुना में डुबकी लगाई, अलग अनुभूति मिली।
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