प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। सुबह से लेकर शाम तक बहन द्वारा भैया के माथे पर तिलक करने का क्रम चलता रहा। घरों पर टीका कराने के बाद भाइयों ने बहनों को उपहार दिए, तो दूर-दराज क्षेत्र में रह रहे भैया-बहनों के पास पहुंचने के लिए वाहन दौड़ते रहे। कोई दोपहर को पहुंचा तो कोई सायं को पहुंचा। पर टीका करके ही बहनों ने खाना खाया।
पांच दिवसीय दीपोत्सव के आखिरी दिन भैया दोज का हर बहन और भाई को इंतजार रहता है। बहन की तमन्ना रहती है कि वह भैया के टीका लगाए और लंबी उम्र की यमराज से प्रार्थना करे, और होता भी यह है। जिला कारागार में बंद भैया का टीका करने के लिए बहनों को मौका नहीं मिला तो जेल में बंद बहनों को भी भैया के माथे पर टीका करने के लिए इजाजत नहीं मिली। क्योंकि कोविड-19 गाइड लाइन के कारण जिला कारागार में सामूहिक रुप से टीका करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रशासन ने चावल और रोली एक पैकेट में मंगा लिए, जिनके नाम से आए, उन कैदियों तक पहुंचा दिए।
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