मथुरा: वर्षों से विकास को तरस रहा ये गांव, नहीं मिला योजनाओं का लाभ

मथुरा। वृंदावन कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव आज भी विकास की राह देख रहा है इस गांव में आज भी न सड़क है न लाइट है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था है। आजादी से लेकर आज तक इस गांव का विकास नहीं हो पाया गांव के लोग सरकार से गांव के विकास उम्मीद लगा कर बैठे हैं।
मोदी और योगी सरकार भले ही विकास की लाख दुहाई देती हो लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है। मथुरा से करीब 20 किलोमीटर दूर चौहुमा क्षेत्र का बसई बुजुर्ग गांव आज भी विकास की राह देख रहा है जब हमारी टीम ने गांव का दौरा किया तो यहां विकासे के दावों की हकीकत सामनने आई। बसई बुजुर्ग गांव की सड़कें टूटी हुई हैं लाइट कई सालों से यहां नहीं आई है पानी यहां से कई किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है।हमने गांव के लोगों से बात की तो गांव के लोगों ने बताया कि न पानी की व्यवस्था है न ही शौचालय की व्यवस्था है। शौचालय के लिए जब हमने ग्राम प्रधान से कहां तो उसने हमसे 6-6 हजार रुपए ले लिए और आज तक कोई भी शौचालय गांव में नहीं बना और खुले में ही सबको शौचालय जाना पड़ता है। सड़क नहीं है नल की कोई व्यवस्था नहीं है।
गांव की ही एक महिला से जब बात की तो उसने बताया कि यहां की समस्याएं बहुत हैं। गांव में श्मशान भी नहीं है इसके कारण यमुना मेंं गंदगी जा रही है। गांव में किसी की मृत्यु हो जाती है तो यमुना में बहा देते हैं। गांव में आज तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। कई बार सरकारी मकान दिलवाने के नाम पर दलाल रुपए ले चुके हैं। कोई अधिकारी भी यहां नहीं आता है, हमारी समस्याओं को कोई सुनने वाला नहीं है।

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