मथुरा प्लास्टिक मुक्त हो: आनंदीबेन पटेल

छात्रों से कहा कि सफलता संयम और लगनशीलता से मिलेगी
— सामर्थवान ब्रजवासी टीवी व क्षय रोग से पीडित एक बच्चे को अवश्य गोद लें
— दुवासु के 9 वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने प्रतिभाशाली 94 छात्रों को बांटे पदक

गिरधारी लाल श्रोत्रिय
मथुरा। प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने यहां बुधवार को उ.प्र. पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के 9 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एकात्ममानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय की यह क्रीड़ा भूमि व जन्म भूमि है। वे परिश्रम का उदाहरण थे। उनसे युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।

   
राज्‍यपाल ने कहा कि छात्र—छात्राओं को यहां से डिग्री लेकर आगे अनेक चुनौतियां मिलेंगी, लेकिन सफलता संयम और लगनशीलता से मिलेगी। श्रीमती पटेल ने कहा कि मथुरा पवित्र भूमि है। यहां कृष्‍ण का जन्‍म हुआ। 600 बच्‍चे यहां क्षय रोग से पीडि़त हैं। हमारी जिम्‍मेदारी है कि एक—एक बच्‍चे को सामर्थवान गोद लेकर उनकी जिम्‍मेदारी उठाएं। इससे हम उनकी तकलीफ बांट सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आवान्ह पर देश में स्‍वच्‍छता का अभियान चल रहा है। गाय प्‍लास्टिक खा रही है। प्‍लास्टिक कान्‍हा की नगरी की भूमि बर्बाद कर रही है। हमें प्रण लेना होगा मथुरा से प्‍लास्टिक बंद करने का। कपड़े के थैले से बड़ा रोजगार भी मिलेगा। इतना ही नहीं हमें पानी भी बचाना होगा। बारिश का पानी बचाने के साथ ही पानी का कम उपयोग करना होगा। राज्‍यपाल ने आगे कहा कि 80 फीसद मेडल बेटियां ले जाती हैं। यह तो शोध का विषय है। बेटा हो या बेटी, सभी को मेहनत करनी होगी। पीवी सिंधू देश के लिए गोल्‍ड मेडल लेकर आईं। उन्‍होंने कहा कि चरित्र निर्माण का कार्य भी स्‍कूल कॉलेज को करना होगा। केवल डिग्री ही जरूरी नहीं।
प्रदेश के पशुपालन, दुग्ध एवं मत्स्य विकास मंत्री चौधरी लक्ष्‍मी नारायण ने कहा कि 10 से 15 फीसद पशु चिकित्‍सकों को गांव में जाने में दिक्‍कत होती है। पशु भी गांवों में रहते हैं और अत: उन्हें गांवों में काम करना होगा विश्‍वविद्यालय से डिग्री लेने वाले छात्र सच्‍चे मन से काम करें, यही राष्‍ट्र की सच्‍ची सेवा होगी। उन्होंने कहा कि चाहे शिक्षक हो या छात्र सभी अपना काम ईमानदारी से करेंगे तो सीमा की रखवाली कर रहे जवानों की तरह राष्ट्रसेवा होगी। उन्होंने विवि के शिक्षक एवं कुलपतियों से कहा कि यहां नये नये अनुसंधान करें और उनको किसान पशुपालकों तक पहुंचाये। यहां जो भी योजनाएं बंद पड़ी हुई हैं या अन्य की आवश्यकता है इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीजी किसी तरह से धन की कमी नहीं होने देंगे। इसकी कार्य योजना बनाकर भेंजे। मुख्यमंत्रीजी ब्रज के विकास के लिए चिंतित रहते हैं। उन्होंने कामना की यहां के शिक्षक इस विश्व विद्यालय को देश में नम्बर एक बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगेै।
मुख्‍य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व निदेशक मंगला राय ने कहा कि दीक्षांत समारोह आत्‍मवलोकन का अवसर प्रदान करता है। छात्र शिक्षक और कर्मचारियों को चाहिए कि वे स्‍वयं देखें कि वो क्‍या अच्‍छा कर सकते हैं। अर्थव्‍यवस्‍था को सुधारना चाहते हैं तो डेयरी प्रोडक्‍ट पर निवेश करना होगा।
श्री राय ने कहा कि आत्‍मसात करने से छात्र सफल होंगे। उन्‍होंने कहा कि उपाधियां प्राप्‍त करने वालों को बधाई देते समय अपार खुशी हो रही है। उन्‍होंने छात्रों से कहा कि आपकी सफलता राष्‍ट्र की सफलता का घोतक है। राष्‍ट्र के विकास के लिए बेहतर शिक्षा पद्धति जरूरी है। उन्‍होंने देश की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए कहा कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को सुदृढ़ करने में पशु धन का बड़ा योगदान है। पांच दशकों से दुग्‍ध उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए विदेशी गोवंश को बढ़ावा दिया गया और देशी गोवंश को भूल गए। गोवंशों के लिए हरा चारा उपलब्‍ध होना चाहिए।

दीक्षांत समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की 94 उपाधि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दी। इसके अलावापशु चिकित्सा विज्ञान के आठ और जैव विज्ञान विश्वविद्यालय के चार को पीएचडी की उपाधि दी। चार गोल्ड, तीन सिल्वर और दो कांस्य पदक भी दिए। सोसाइटीज एवं मैमोरियल समेत कुल पंद्रह पदक दिए गये।पदक पाने वालों में 11 छात्राएं, जबकि चार छात्र हैं। 62 छात्र और 32 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। कुलपति ने बताया कि प्रगतिशील किसानों के अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस के प्राथमिक विद्यालय के 25 छात्रों को भी दीक्षा समारोह में बुलाया गया।

जैव प्रयोगशाला का उद्घाटन
ढाई सौ करोड़ रुपये की लागत से वेटरिनरी यूनिवर्सिटी में जैव जलवायु प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। इसका नाम यूनिवर्सिटी के पूर्व डॉ. एमडी पांडेय के नाम पर रखा गया है। इसमें जलवायु परिवर्तन का पशुओं के जीवन और पशुपालन पर पड़ रहे प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। कुलपति ने बताया कि 19 विद्यार्थियों ने नेट क्वालीफाई किया। ये छात्र एवं छात्राएं देश के नामी संस्थान जैसे जेएनयू, बीएचयू, एम्स में उच्च शिक्षा ले रहे हैं। यहां किसी प्रकार का परीक्षा परिणाम लंबित नहीं हैं। गौ वंश के संरक्षण एवं सम्बर्द्धन के लिए गोकुल ग्राम परियोजना की स्थापना की गई है। 134 शोधपत्र नेशनल एवं इंटरनेशनल पत्र एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। यहां के शिक्षकों ने 122 शोधपत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय की संगोष्ठियों में प्रस्तुत हो चुके हैं। इस अवसर पर विधायक कारिंदा सिंह, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह, डीएम सर्वज्ञराम मिश्र, एसएसपी शलभ माथुर, भाजपा नगर अध्यक्ष चेतन स्वरूप पाराशर, विश्व विद्यालय विद्या एवं कार्य परिषद के सदस्य आदि उपस्थित थे। समारोह का संचालन कुलसचिव डा.पीके शुक्ला ने किया।

प्रयोगशाला का उद्घाटन
ढाई सौ करोड़ रुपये की लागत से वेटरिनरी यूनिवर्सिटी में जैव जलवायु प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। इसका नाम यूनिवर्सिटी के पूर्व डॉ. एमडी पांडेय के नाम पर रखा गया है। इसमें जलवायु परिवर्तन का पशुओं के जीवन और पशुपालन पर पड़ रहे प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा।

इन छात्रों को मिली राज्यपाल से मिली उपाधि
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने कर कमलों से प्रतिभाशाली संजय कुमार भारती, अम्बिका शर्मा, दीपनारायण सिंह, आशीष श्रीवास्तव,राधवेन्द्र प्रसाद मिश्र, शालिनी यादव, भावना कुशवाह, प्रतिष्ठा शर्मा अजय पाल को विद्यावाचपति की उपाधि दी।

इन्हें मिले मेंडल
बीवीएस एड ए. एच कोर्स में अमीशी को गोल्ड, आरजू निशा को सिल्वर, शालिनी पांडेय को कास्य, बीएससी बायोटेक्नोलॉजी में शिवानी रजौरिया को गोल्ड, निकिता रानी सिल्वर, अनमोल गुर्जर को कास्य, एमवी एससी में ममता मिश्रा गोल्ड, अश्वनी कुमार वर्मा को सिल्वर, एमएससी/ एमवीएससी बायोटेक्नोलॉजी समिक्षा अग्रवाल गोल्ड, बीवी एससी एण्ड ए.एच. में तन्या सिंह को आईएसवीपीटी मेंडल, अमिशी को पं. जनकीनाथ मदन मेडल, अरजू निशा को डॉ. पीजी पांडेय मेमौरियल मेडल आरजू निशा अमित कुमार सिंह व विवेकानंद को वाइस चांसलर मेडल दिये गए।


राज्यपाल ने की जन्मभूमि व बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पंडित दीनदयाल उपाध्याय वेटरनेरी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए मथुरा में आई हैं। बुधवार सुबह उन्होंने दिन की शुरुआत वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन कर की। दर्शन के दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई। राज्यपाल बुधवार को बांकेबिहारी मंदिर में पहुंची। यहां उन्होंने हाथ जोड़कर काफी देर तक भगवान की आराधना की। इस दौरान मंदिर के गोस्वामी द्वारा प्रसाद भेंट किया गया।

इससे पूर्व उप्र की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने बुधवार की प्रातः श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन कि‍ये। इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, प्रबंध समिति के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी एवं डा. चन्द्रभान गुप्ता ने महामहिम राज्यपाल का स्वागत किया। श्री केशवदेव के दर्शन उपरांत राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने गर्भ-गृह के दर्शन किये। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के चरण-कमलों में तुलसी-पत्र, मन्जरी आदि अर्पित कींं। राज्यपाल श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के बारे में काफी उत्‍सुक नजर के आईं अत: उन्‍होंने जन्मभूमि की गहन जानकारी संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी से ली।
गर्भ-गृह के भावमय दर्शन के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भागवत भवन में श्रीराधाकृष्ण युगल-सरकार के श्रीचरणों में वेदमंत्र और पुष्पांजलि सहित विशेष पूजा अर्पित की। मंदिर की भव्यता, दिव्यता एवं ठाकुरजी के श्रीविग्रह के दर्शन कर महामहिम राज्यपाल अत्यन्त अभिभूत दिखाई दीं।
जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने महामहिम को भगवान श्रीराधाकृष्ण की अत्यंत सुन्दर प्रतिमा भेंट की।
इस अवसर पर श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के संयुक्त मुख्य अधिषाशी अधिकारी राजीव श्रीवास्तव, विशेष कार्याधिकारी विजयबहादुर सिंह, अधिकारी (प्रोटोकॉल) अनुराग पाठक आदि उपस्थित थे।

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