मथुरा। मथुरा-वृंदावन नगर निगम का पार्किंग और होर्डिंग्स का ठेका वापस भी हो सकता है। दोनों ठेकेदार वर्तमान परिस्थितियों में आ रहे अवरोध से परेशान हैं और ठेकों के सापेक्ष वसूली नहीं कर पा रहे हैं। दोनों ही नगर निगम के समक्ष असमर्थता जताते हुए ठेका वापसी की चेतावनी भी दे चुके हैं।
नगर निगम प्रशासन ने पार्किंग का ठेका 2.80 करोड़ में उठाया है, लेकिन जिन वसूली प्वाइंटों को ठेकेदार को दिए हैं, वहां वसूली नहीं हो पा रही है। दरअसल, इनमें ज्यादातर प्वाइंट लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर हैं और किसी भी पार्किंग स्थल पर नियमानुसार कोई व्यवस्था निगम ने नहीं की है।
यातायात व्यवस्था के सुधार में जुटे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने हरेक तिराहा-चौराहा आटो आदि से खाली करा दिया है। नगर निगम को भी व्यवस्था में अवरोध बनने पर चेतावनी दी है। अब तिराहे-चौराहे पर आटो आदि न रुकने से वसूली प्रभावित हो रही है। इससे परेशान होकर ठेकेदार ने निगम को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि पार्किंग स्थलों पर पुलिस परेशान कर रही है। उसकी वसूली सुनिश्चित कराई जाए अन्यथा वह ठेका चलाने में असमर्थ है। इसी तरह लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर हो¨डग्स लगाने के कारण ठेकेदार को वृंदावन में 85 लाख का नुकसान हो चुका है। यूनिपोल में भी उसे 30 लाख का नुकसान हुआ है। लिहाजा, दो साल के लिए 5.12 करोड़ के ठेके को चलाने में ठेकेदार असमर्थता व्यक्त कर रहा है। ज्यादा कीमत के कारण चार सौ साइट में से उसकी अभी तीन सौ से ज्यादा साइट खाली पड़ी हुई हैं। उसका कहना है कि निगम प्रशासन उसके अब तक हुए एक करोड़ पंद्रह लाख के नुकसान को ठेका राशि में समायोजित करे, अन्यथा वह ठेका सरेंडर कर सकता है।
विपरीत परिस्थितियों के कारण दोनों ही ठेकेदारों ने अभी तक निगम प्रशासन के साथ अपने एग्रीमेंट नहीं कराए हैं। नगर निगम की केबिनेट के उप सभापति हेमंत अग्रवाल का कहना है कि निगम को दोनों ठेकेदारों की समस्या का समाधान करना चाहिए, अन्यथा राजस्व को भारी नुकसान हो सकता है।
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