नई दिल्ली: केएल राहुल के विकेटकीपर के रूप में अच्छे प्रदर्शन के बाद ऋषभ पंत की भारतीय टीम से छुट्टी तय दिख रही है. न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 टी20 के पहले मैच में उनकी जगह राहुल को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया. ऐसे में लग रहा है कि पंत के लिए शायद अब आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के रास्ते भी बंद हो गए. वर्ल्ड कप 2019 के बाद जब एमएस धोनी ने खुद को वनडे व टी20 टीम से दूर किया तो पंत की जगह तय लग रही थी, लेकिन 6 महीने लगातार टीम में रहने के बाद भी वे खुद को बल्ले व कीपिंग से साबित नहीं कर पाए. आईपीएल के बाद शायद एमएस धोनी भी टीम इंडिया में शामिल होने का दावा ठोक दें. अगर ऐसा होता है तो पंत की राह बहुत मुश्किल होगी, क्योंकि कोच रवि शास्त्री कह चुके हैं कि अगर धोनी आईपीएल में रन बनाते हैं तो उन्हें टीम में आने से कौन रोकेगा.
साहा की चोट ने खोले टेस्ट के दरवाजे
ऋषभ पंत के भारतीय टीम में आने की कहानी भी दिलचस्प है. वे 2016 में अंडर 19 टीम के सदस्य थे. उन्होंने अंडर 19 वर्ल्ड कप के बाद रणजी ट्रॉफी और आईपीएल में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सबका ध्यान खींचा. इसे वजह से उन्हें भारतीय सीनियर टीम में शामिल करने की मांग उठने लगी. एमएस धोनी के रहते लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में पंत के लिए जगह नहीं थी. लेकिन 2018 में ऋद्धिमान साहा की चोट ने पंत के दरवाजे खोले.
भारत के इंग्लैंड दौरे के लिए उन्हें नहीं चुना गया बल्कि दिनेश कार्तिक को बैकअप विकेटकीपर के रूप में रखा गया. लेकिन साहा की चोट के बाद पंत को बैकअप के रूप में भेजा गया और उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह भी मिल गई.
कीपिंग में दिए 70 एक्स्ट्रा रन, बल्ले से लगाए शतक
ऋषभ पंत ने अपने दूसरे और तीसरे टेस्ट में एक्स्ट्रा के रूप में 70 रन दिए. वे इंग्लैंड की कंडीशन में गेंदों को सही से पकड़ने में नाकाम रहे. बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने छक्के से टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला रन बनाया. आखिरी टेस्ट में उन्होंने शतक लगाया और बल्लेबाज के रूप में खुद को साबित किया. वे इंग्लैंड में शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी उन्होंने शतक लगाया. इस दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन के साथ उनकी कहासुनी ने काफी सुर्खियां बटोरीं.
वर्ल्ड कप भी खेला, हीरो बनने का मौका गंवाया
वर्ल्ड कप 2019 में उन्हें टीम इंडिया में नहीं चुना गया लेकिन जब शिखर धवन चोटिल हुए तो उन्हें भेजा गया. उन्हें इस टूर्नामेंट में खेलने का मौका भी मिल गया. न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में उनके पास खुद को साबित करने का मौका थ लेकिन वे हवाई शॉट लगाकर चलते बने. भारत यह मैच हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गया. बाद में घरेलू सीरीज में पंत को विकेटकीपर के रूप में टीम में शामिल किया गया.
वे जब भी गलती करते तो स्टेडियम में दर्शक ‘धोनी-धोनी’ के नारे लगाते. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रोहित शर्मा ने दर्शकों से पंत को समय देने और नारे न लगाने को कहा.
चोट भारी पड़ी, टीम से जगह गई
वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में पंत ने बल्लेबाजी से प्रभावित किया. इसके बाद लगा कि शायद अब वे रंग जमाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में सिर पर गेंद लगने के बाद वे बाहर हुए तो केएल राहुल ने कीपिंग से प्रभावित कर उनकी राह मुश्किल कर दी. इस सीरीज से साफ हो गया कि अब राहुल को कीपर के रूप में लगातार खिलाया जाएगा. पिछले दिनों ही ऋषभ पंत को बीसीसीआई ने ग्रेड ए कॉन्ट्रैक्ट दिया यानी उन्हें इस साल बोर्ड से 5 करोड़ रुपये मिलेंगे. पिछले 2 साल में पंत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी नाटकीय उतार-चढ़ाव देखे हैं. देखना होगा कि आगे पंत का भविष्य क्या होता है.
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