बुरी फंसी मोदी सरकार
इस साल अगस्त में बेरोजगारी के आंकड़े बढ़ने से मोदी सरकार से लोगों का भरोसा उठते जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में हर हफ्ते बेरोजगारी 1 फीसदी तक बढ़ी है। शहरी बेरोजगारी दर में 9.6 फीसदी पर था जबकि ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी के आंकड़े 7.8 फीसदी पर पहुंच गए। आईसी चौंकाने वाले आंकड़ों के सामने आते ही लोगों ने सोशाल मीडिया पर मोदी सरकार की आलोचना करनी शुरू कर दी है।
पहले से सरकार आर्थिक मंदी के कारण मुश्किल में हैं। विपक्ष के कई नेता सरकार पर निशाना साध रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सरकार को सलाह दे चुके हैं, जिस पर अब भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने भी बयान दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में सरकार को पूर्व पीएम की चेतावनी पर ध्यान देने और इस मुद्दे पर राजनीति में नहीं करने के लिए कहा है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि आज अर्थव्यवस्था की हालत बहुत चिंताजनक है।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही कई लोग मोदी सरकार की आलोचना कर रहे थे। इसके बाद अब देश की आर्थिक हालत और बिगड़ गई है। आर्थिक मंदी के कारण पहले ही भाजपा सरकार की आलोचना हो रही थी और अब सरकार के लिए एक और बुरी खबर है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने हाल ही में चौकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश में बेरोजगारी की दर 3 साल के उच्चतम स्तर पर है। लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं, लेकिन नौकरी नहीं मिल रही है। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी तक पहुँच गई है, जो तीन साल का सबसे अधिकतम स्तर है। अगस्त महीने के हर हफ्ते में बेरोजगारी की दर 8 से 9 फीसदी के बीच रही।
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