सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। रंजन गोगोई ने 16 सितंबर को कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं जम्मू-कश्मीर खुद जाऊंगा। सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए जा रहे बच्चों के मामले में सुनवाई हुई। अदालत में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि घाटी में 10 से 18 साल के बच्चों को हिरासत में लिया जा रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि क्या सचमुच ऐसा है? मैं वहां के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मांग रहा हूं। मैं उनसे बात करूंगा। जरूरत पड़ी तो खुद वहां जाऊंगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि याद रखिए, अगर आपका दावा गलत हुआ तो आपको इसका अंजाम झेलना होगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एसए नजीर की पीठ ने कहा कि कश्मीर में अगर तथाकथित बंद है। उससे जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट निपट सकता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा, साथ ही हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से इसपर रिपोर्ट भी मांगी। सुप्रीम कोर्ट के इस रूख से केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए परेशानी होगी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर लोग हाईकोर्ट का रुख नहीं कर पा रहे हैं तो यह काफी सीरियस मसला है, मैं श्रीनगर का दौरा करूंगा। मैं खुद जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस से बात करूंगा। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि चाइल्ड एक्टिविस्ट का इस वक्त हाईकोर्ट जाना काफी मुश्किल है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस दौरान कहा कि आप कारण बताएं कि यह मुश्किल क्यों है? अगर ऐसा है तो यह गंभीर मसला है। मैं जम्मू-कश्मीर के चीफ जस्टिस से पूरी रिपोर्ट मांगूंगा। कश्मीर में अगर तथा-कथित बंद है तो उससे जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट निपट सकता है।
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