BJP में आपसी घमासान होने के आसार नजर आ रहे हैं क्योंकि एक विधायक केजरीवाल के शपथग्रहण समारोह में जा पहुंचा। भाजपा की तरफ से कोई नेता, मंत्री, सांसद या पार्षद इस समारोह में नहीं गया लेकिन दिल्ली के रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता यहां पहुंच गए। विजेंद्र गुप्ता ने यहां भी अरविंद केजरीवाल पर तंज कस दिया।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिसे समारोह में आना होगा वो आएगा। इसके लिए कोई व्हिप तो जारी नहीं किया गया। उन्हेांने कहा कि आज अरविंद केजरीवाल का शपथ ग्रहण समारोह है और हम उन्हें बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस बार अरविंद केजरीवाल पुरानी गलतियों को सुधारेंगे जो शिक्षकों के मामले में उन्होंने की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कहीं न कहीं उस मानसिकता को दर्शाता है, जिसमें तानाशाही झलकती है। भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि जीत और सफलता का मंत्र होता है कि झुक कर चलें। उन्होंने कहा कि जनता के लिए केंद्र और केजरीवाल सरकार मिलकर काम करें।
आपको बता दें कि आज अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। केजरीवाल ने इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा के सुनील यादव को 21,697 वोटों से शिकस्त दी है।
बिहार में बीजेपी को लग सकता है बड़ा झटका
नई दिल्लीः राजनीति में एक कहाबत बहुत मशहूर है, कहा जाता है कि राजनीति में कोई परमानेंट दोस्त नही होता और न ही कोई परमानेंट दुश्मन होता है। यह कहाबत समय समय पर सही भी साबित हुई है और शायद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सही साबित हो जाए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की करारी हार से माना जा रहा है कि नीतीश कुमार काफी परेशान है। यह पहला मौका था जब नीतीश कुमार ने बिहार के अलावा किसी और राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में 2 सीट पर लड़ी जदयू बुरी तरह से हार गई है,साथ ही इन चुनाव में बीजेपी का हाल भी कुछ अच्छा नही रहा है। बीजेपी दिल्ली की 70 में से सिर्फ 8 सीट जीतने में कामयाब रही है।
क्या नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ सकते है ?
सूत्रों की माने तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो कर चुनाव लड़ने पर अपनी पार्टी के नेताओ से विचार कर रहे है। अगर ऐसा होता है तो बिहार में बीजेपी को लग सकता है बड़ा झटका, 2015 के विधानसभा चुनाव में भी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू बीजेपी से अलग हो कर लालू यादव की राजद(RJD) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बना कर लड़ी थी। 2015 के इस चुनाव में बीजेपी की हार हुई थी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की जीत हुई थी। लेकिन यह महागठबंधन सिर्फ 20 महीने चला और नीतीश कुमार की बीजेपी के साथ वापसी हो गई थी। 2020 के लास्ट में बिहार विधानसभा चुनाव में भी नीतीश कुमार महागठबंधन बनाते है तो बीजेपी की हार निश्चित मानी जा रही है। अगर महागठबंधन बनता है तो बीजेपी के हाथ से एक और राज्य निकल जायेगा।
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