मथुरा: आखिर क्यों वृंदावन में तड़प—तड़प कर दम तोड़ रहे बंदर!

मथुरा। वृंदावन के गोविंद बाग क्षेत्र में बंदरों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। बुधवार को एक और बंदर मरा मिला, डॉक्टरों के मुताबिक बंदर करीब तीन दिन पूर्व ही मर चुका था। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मृत बंदर का पोस्टमार्टम कराया। अधिकारियों ने क्षेत्रीय लोगों से पूछताछ भी की।

पिछले 15 दिनों से वार्ड नंबर 70 में लगातार बंदरों की मौत होने की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। 15 दिनों में 15 से ज्यादा बंदर मर चुके हैं। अब तक दो बंदरों का पोस्टमार्टम कराया गया है, जिनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के कारण बंदरों की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।

बुधवार को क्षेत्र में पहुंचे डीएफओ अरविंद कुमार, उपप्रभागीय वनाधिकारी पीके पांडेय, रेंजर्स मुकेश मीणा, वन दरोगा ओमप्रकाश आदि ने लोई बाजार में दुकान की छत पर मृत मिले मादा बंदर का वन चेतना केंद्र में पोस्टमार्टम कराया। शव सड़ने के कारण बंदर के मरने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी।

डीएफओ अरविंद कुमार ने बताया कि क्षेत्र में वहां तापमान अधिक पाया गया है, बंदरों के लिए पानी का भी अभाव हैं। नालियां ढकने के साथ ही छत पर जाल लगा दिए गए हैं जिस कारण संभवत: अधिक गर्मी का शिकार बंदर हो रहे हैं। स्थिति को स्पष्ट करने के लिए बंदर को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया गया है।

पशु चिकित्साधिकारी डॉ दीपेंद्र सिंह ने कहा कि बुधवार को मृत मिले बंदर का शव करीब तीन दिन से अधिक पुराना है। शव पूरी तरह से सड़ गया है, हालांकि इस जहर देकर मारे जाने के कोई तत्व नहीं मिल पाए। पूर्व में जिस बंदर का पोस्टमार्टम किया गया था उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

गोविंद बाग क्षेत्र में बंदरों की मौत लोगों को आश्चर्यचकित करने लगी है। वृंदावन का यही एकमात्र ऐसा इलाका है जहां से ऐसी सूचनाएं मिल रहीं हैं। स्थानीय लोग भी इस स्थिति को समझ नहीं पा रहे हैं। शिकायतकर्ता व पार्षद के अलावा लोगों ने भी बंदरों की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए जांच कराने की मांग की है।

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