नई दिल्ली। आर्टिकल 35-ए को लेकर पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने खुलेआम केंद्र सरकार को धमकी दी है। उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि अगर आर्टिकल 35-ए के साथ छेड़छाड़ की गई तो जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगे को छोड़कर कोई दूसरा झंडा उठा लेंगे। महबूबा से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर उब्दुल्ला ने भी आर्टिकल 35-ए को लेकर मोदी सरकार को चेतावनी दी है।
मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा, ”आग के साथ मत खेलिए, आर्टिकल 35-ए के साथ छेड़खानी मत कीजिए वरना जो आपने 1947 में नहीं देखा वो आप अब देखेंगे, अगर आर्टिकल 35-ए पर हमला होता है तो मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगे को छोड़कर और कौन-सा झंडा उठा लेंगे।” उन्होंने कहा कि पुलवामा में हमले के बाद, देश भर में कई लोग हैं जो हमारे प्रति घृणा करते हैं। विभित्र विचारधाराओं के लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लोगों में बहुत तनाव और अनिश्चितता है। मुझे हमेशा से ही नरम अलगाववादी के रूप में देखा गया है। कई लोग ऐसे हैं जो युद्ध के लिए रो रहे हैं। यदि दोनों देशों में युद्ध होता है तो हमें बहुत ही बुरे दिन देखने होंगे।”
सोमवार को ही आर्टिकल 35-ए पर बोलते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर उब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ऐसा फैसला करती है तो घाटी में अरुणाचल प्रदेश से भी खराब हालात हो जाएंगे। केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
क्या है आर्टिकल 35A
अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को राज्य के स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। राज्य में 14 मई 1954 को इसे लागू किया गया था। यह अनुच्छेद संविधान में मूल रूप में नहीं था। प्रदेश के स्थायी नागरिक को कुछ विशेष अधिकार होते हैं। गौरतलब है कि धारा 35 ए के तहत जम्मू-कश्मीर में वहां के मूल निवासियों के अलावा देश के किसी दूसरे हिस्से का नागरिक कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता है। इससे वह वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता है।
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