मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे हैं  जगत के पालन हार की पोशाक

संवाददाता
वृंदावन (मथुरा)। मंदिरों की नगरी में बाल गोपाल श्रीकृष्ण की पोशाक, मंदिरों में विराज मान भगवान को धारण कराए  जाने वाले वस्त्र और श्रीकृष्ण के दरबार की शोभा बढ़ाने वाले वस्त्र ज्यादातर मुस्लिम कारीगर ही बनाते हैं। वृंदावन की कई इलाकों के घरों में यह काम बड़ी तेजी से चल रहा है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आगाज होते ही इस काम और युद्ध स्तर पर चलता है।  वृंदावन से कई शहरों में नहीं बल्कि विदेशों में स्थित श्रीकृष्ण भगवान के मंदिरों के लिए पोशाक तैयार होकर जाती है। यह सिलसिला अब शुरु हो गया है।
25 साल से पोशाक बनाने का काम करने वाले मोहम्मद अल्ताफ का कहना है कि यहांं कोई भेदभाव नहीं है। कोई मन मुटाव नहीं है।  बहुत ही प्रेम भाव के साथ मुस्लिम कारीगर ठाकुरजी की पोशाक तैयार करते हैं।

उन्होंने कहा कि वृंदावन तो कृष्ण की नगरी है। यहां हम लोग मिलजुल कर रहते हैं। ये काम हम खुशी से करते हैं। हमारे छोटे भाई भी यही कहते हैं। इसे जरी मुकुट पोशाक का काम कहते हैं, ठाकुर जी का काम है। मोहम्मद अल्ताफ बताते हैं कि कोरोना के चलते इस बार काम पर असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि करीब 4-5 दिन एक पोशाक बनाने में लगते हैं। जन्माष्टमी के समय काम काफी काम रहता है, यहां बनी पोशाकें भारत में भी और विदेश में भी जाती हैं।

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