नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का इरादा फिलहाल प्लास्टिक की पानी बोतल पर प्रतिबंध लगाने का नहीं है. जानकारों के मुताबिक अगर सरकार बोतल पर प्रतिबंध लगाती है तो हजारों की संख्या में नौकरियां जा सकती है. ऐसे में सरकार बोतल बंद पानी (Water के लिए कंपजिस्टेबल प्लास्टिक को बढ़ावा देगी. खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का विकल्प मिलने तक पानी की बोतल बंद नहीं होगी.
प्लास्टिक पानी बोतल पर प्रतिबंध नहीं लगेगा- राम विलास पासवान का कहना है कि फिलहाल पानी की बोतल का जो विकल्प बताया जा रहा है, वह मंहगा है. उन्होंने कहा कि तुरंत बोतलबंद पानी पर रोक नहीं लगाई जा सकती. क्योंकि, इससे बड़ी तादाद में लोग इस रोजगार से जुड़े है.
देश में एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए सरकार बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनियों को पीईटी (पॉलिएथिलीन टेरेफ्थेलेट) से बनी बोतल के इस्तेमाल की इजाजत दे सकती है.
पीईटी की बोतलों को एक से अधिक बार इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की पानी की बोतल सरकारी कायार्लयों में बंद कर दिया गया है.
सरकार कंजोस्टिबल प्लास्टिक बोतल को बढ़ावा देगी. कंजोस्टिबल प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान नहीं करता है. गन्ने और मक्कई से कंपोजिस्टेबल प्लास्टिक बनता है.
ये प्लास्टिक दोबारा से पर्यावरण में घुल जाता है. ट्रैटा पैक में कंपोजिस्टेबल प्लास्टिक इस्तेमाल को मंजूरी मिलेगी. पानी की छोटी बोतलों पर प्रतिबंध लग सकता है. 200-300 एमएल पानी की बोतल पर प्रतिबंध लग सकता है.
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