नई दिल्ली: करीब एक साल से किसानों समेत अन्य मुद्दों पर मौन धारण करने वाले पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू गत रविवार राज्यसभा में पारित हुए कृषि विधेयकों को लेकर अब मैदान में उतर आए हैं। किसान बिल के विरोध में सिद्धू आज (बुधवार) अमृतसर के हाल गेट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, अमृतसर ईस्ट के काउंसिलर्स और अमृतसर ईस्ट के कार्यकर्ताओं के साथ भंडारी पुल से हाल गेट तक मार्च भी निकाला।बता दें कि पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री पद छोड़ने के बाद ऐसा पहली बार है जब वह किसी मुद्दे पर खुलकर केंद्र का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद कैप्टन के मंत्रिमंडल से सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया था, तब से वह बहुत कम ही राजनीति में एक्टिव दिखाई दिए। इससे पहले सिद्धू ने ट्वीट के जरिए भी कृषि बिलों को केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।
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उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में लिखा, ‘सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही।’एक अन्य ट्वीट में सिद्धू ने कहा, किसान पंजाब की आत्मा है… शरीर के घाव ठीक हो सकते हैं, लेकिन आत्मा के घाव को ठीक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसमें आगे लिखा हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है। युद्ध का बिगुल बजाते हुए क्रांति को जीने का काम करो…पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ है…। बता दें केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि से जुड़े विधेयकों का पंजाब में काफी विरोध हो रहा है। किसानों और व्यापारियों को इससे एपीएमसी मंडियां समाप्त होने की आशंका है। यही कारण है कि प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने कृषि विधेयकों का विरोध किया है। इतना नहीं अकाली दल की नेता केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े विधेयकों के विरोध करते हुए मोदी मंत्रीमंडल से इस्तीफा तक दे दिया है।
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