हमारे नेटवर्किंग समाधान के साथ विकसित हो रहा है।
नई दिल्ली। डिजिटल क्रांति ने हमारी जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। टेक्नोलॉजी हमारे निजी, सामाजिक और कामकाजी जिंदगी के हर पहलू में प्रवेश कर चुकी है। जिसकी वजह से हम पहले के मुकाबले कहीं ज़्यादा तेज़ी से काम कर रहे हैं। आप बिज़नेस करते हों, वर्किंग प्रोफेशनल हों, स्टूडेंट हों या फिर घरेलू महिला, मोबाइल फोन और डाटा कनेक्टिविटी ने एक तरह से हमारी लाइफ स्टाइल में नई ऊर्जा डाल दी है। कहना गलत नहीं होगा कि आज के स्मार्टफोन और हाई स्पीड डाटा के दौर में आपकी कनेक्टिविटी ही आपकी कामयाबी की रफ्तार तय करती है।
कनेक्टिविटी ने बदली ऑफिस की परिभाषा
आंकड़ों के मुताबिक 2021 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब 64 करोड़ हो जाएगी। इंटरनेट के लिए लोगों के बढ़ते झुकाव के पीछे किफायती दामों पर मिल रही इंटरनेट कनेक्टिविटी ने अहम भूमिका निभाई है। बड़े-छोटे सभी शहरों में तेजी से बढ़ती मोबाइल कनेक्टिविटी ने ऑफिस में होने वाले काम के तौर-तरीकों पूरी तरह बदल दिया है, खासकर वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए। मोबाइल कनेक्टिविटी ने ऐसी व्यवस्था बना दी है, जहां लगभग हर चीज आपकी पहुंच के भीतर है, फिर चाहे आप दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हों। एक तरह से अब आप अपना दफ्तर अपने साथ लेकर चलते हैं।
मोबाइल वर्किंग ट्रेंड
कनेक्टिविटी के युग में मोबाइल वर्किंग ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। वर्किंग प्रोफेशनल्स जो खासकर काम के सिलसिले में ज्यादा ट्रैवल करते हैं, उनके लिए ज़रूरी है कि काम से जुड़ी हर जानकारी उन तक लगातार पहुंचे। गाजियाबाद के गौरव वालिया, एक मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स हेड हैं। सेल्स प्रोफाइल के कारण लगातार एक शहर से दूसरे शहर आना जाना, क्लायंट मीटिंग्स, ऑफिस मीटिंग्स, टीम मीटिंग्स उनकी दिनचर्या बन चुके हैं। बिजी शेड्यूल के चलते हर जगह निजी तौर पर मौजूद रहना उनके लिए संभव नहीं। ऐसे में कोई जानकारी छूटने का मतलब है बड़ा नुकसान। लेकिन गौरव दुनिया के किसी कोने में हों, मैसेजिंग, ई-मेल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बिज़नेस कॉल्स जैसी हाई स्पीड सुविधाओं की मदद से वो अपने कॉलिग्स और क्लायंट्स से संपर्क में बने रहकर अपने काम समय पर कर पाते हैं। गौरव खुश हैं कि उनके पास Airtel की मज़बूत नेटवर्क कनेक्टिविटी है जो उनके जैसे प्रोफेशनल्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
दूरियां मिटाए – रास्ते दिखाए
काम या पढ़ाई के सिलसिले में शहर बदलना अक्सर मुश्किल काम होता है, खासकर भावनात्मक और सुविधा के नज़रिए से। लेकिन कनेक्टिविटी की दुनिया में अब ये काम उतना मुश्किल नहीं रहा। मुंबई की सोनिया सिंह एक मीडिया प्रोफेशनल हैं। कुछ महीने पहले उन्हें नौकरी के सिलसिले में मुंबई छोड़कर दिल्ली जाना पड़ा। परिवार से दूरी और नए शहर के नए रास्ते ढूंढने का ख्याल उन्हें मुश्किल लगा। ऐसे में किराए का मकान ढूंढने से लेकर रास्ते तलाशने तक, हर काम में Airtel की मज़बूत नेटवर्क कनेक्टिविटी सोनिया के बड़े काम आई। सिर्फ छह महीनों में सोनिया दिल्ली के ज़्यादातर रास्तों को ऐसे जानने लगीं जैसे वो इसी शहर की हों। और रही बात परिवार और दोस्तों से बिछड़ने की तो फोन के साथ वीडियो कॉलिंग की सुविधा ने काफी हद तक ये मुश्किल भी आसान कर दी।
मोबाइल डाटा को रफ्तार देती नेटवर्क कनेक्टिविटी, लोगों की दूरियां और मुश्किलें दोनों मिटा रही है। चौबीसों घंटे हर यूजर को उसकी पसंद और जरूरत के मुताबिक सुविधाएं और जानकारियां मिल रही है। इसका श्रेय Airtel जैसी टेलीकॉम कंपनियों के लगातार बढ़ते और मजबूत होते नेटवर्क को जाता है, जो डिजिटल इंडिया को कनेक्टेड रखने में दिन-रात लगी हुई हैं।
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