नई दिल्ली. महराष्ट्र में इस वक्त शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. भारी राजनीतिक उठापटक के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. यहां सबसे ज़्यादा सीट जीतने के बाद भी बीजेपी की सरकार नहीं बन सकी. देवेंद्र फडणवीस को शपथ लेने के 3 दिनों के अंदर ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन अब राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बीजेपी को सरकार बनाने का नया फॉर्मूला दिया है.
क्या है ये फॉर्मूला?
बुधवार देर रात राज्यसभा से नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. बिल के पास होते ही प्रधानमंत्री पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने इसे ऐतिहासिक पल करार दिया. इसी कड़ी में सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा. ‘ये अच्छी बात है कि शिवसेना ने अपने हिंदुत्व विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ा है. नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ शिवसेना ने वोट नहीं किया. ये समय है कि बीजेपी और शिवसेना फिर से बातचीत शुरू करे. वो चाहे तो सीएम का पोस्ट ढाई साल तक के लिए रख सकते हैं.’
शिवसेना की हां ना…
बता दें कि शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ वोटिंग की थी, लेकिन बुधवार को राज्यसभा में शिवसेना के सांसद वोटिंग से ठीक पहले वॉकआउट कर गए. इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता के लिए लोग कैसे कैसे रंग बदलते हैं. उन्होंने कहा, ‘मान्यवर लोकसभा में शिवसेना ने इस बिल का समर्थन किया था, मैं सिर्फ इतना ही जानता चाहता हूं, महाराष्ट्र की जनता भी जानना चाहती है कि एक रात में ऐसा क्या हुआ कि आज शिवसेना ने अपना स्टैंड बदल लिया’.
शिवसेना पर दबाव
कहा जा रहा है कि शिवसेना ने कांग्रेस के दबाव में आकर अपना फैसला बदला, लेकिन इसके बावजूद शिवसेना ने वोटिंग नहीं की. उनका ये फैसला ये दिखाता है कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर वो काफी कंफ्यूज है. न तो उसने बिल का समर्थन किया और न ही विरोध. ऐसे में महाराष्ट्र में उनकी गठबंधन की सरकार पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.
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