नई तकनीक: ठेकेदार सड़क निर्माण में नहीं कर पाएंगे गड़बड़ी ! सेंसर करेंगे क्वालिटी मॉनिटर

नई दिल्‍ली। भविष्‍य में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से किए जा रहे की सड़क निर्माण में क्‍वालिटी को लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगीं एनएचएआई (NHAI) देश में पहली बार क्‍वालिटी को मॉनिटर करने के लिए मशीन कंट्रोल टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करने जा रहा है। इस नई तकनीक का इस्‍तेमाल लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्‍ड हाईवे में किया जाएगा. इस प्रोजेक्‍ट पर जल्‍द काम शुरू होने जा रहा है।

63 किमी लंबे हाईवे में होगा टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल
सड़क निर्माण में कई बार क्‍वालिटी को लेकर शिकायत सुनने में आती है। हालांकि, निर्माण एजेंसी मैन्‍युअल तरीके से क्‍वालिटी को मॉनिटर करती हैं। इस तरह की समस्‍या से छुटकारा पाने के लिए नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया अब देश में पहली बार मशीन कंट्रोल टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करने जा रहा है। निर्माणाधीन 63 किलोमीटर लंबे लखनऊ-कानपुर हाईवे में इसका इस्‍तेमाल किया जाएगा। एनएचएआई ने इस नई तकनीक को टेंडर की शर्तों में जोड़ दिया है. अब वही ठेकेदार इस प्रोजेक्‍ट पर काम कर सकेगा, जिसके पास यह तकनीक होगी। अधिकारियों के अनुसार सितंबर 2021 तक इस प्रोजेक्‍ट पर काम शुरू हो जाएगा।

इस तरह काम करेगी मशीन कंट्रोल टेक्‍नोलॉजी
मशीन कंट्रोल टेक्‍नोलॉजी का सबसे बड़ा फायदा होगा कि अब हाईवे निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता तय मानक के अनुसार ही होगी। कई बार मानक पूरे नहीं होने के कारण सड़क जल्‍द टूट जाती है। इस तकनीक के इस्‍तेमाल से इस तरह की शिकायतें नहीं होंगी। इस टेक्‍नोलॉजी में निर्माण कार्य में इस्‍तेमाल होने वाली मशीनों और वाहनों पर सेंसर लगाए जाएंगे। सड़क निर्माण के लिए तय मानक सिस्‍टम में फीड कर दिए जाएंगे। ये सेंसर एनएचएआई मुख्‍यालय से जुड़े होंगे। निर्माण के दौरान मुख्‍यालय तक तभी मैसेज पहुंचेगा,जब तय मानक के अनुसार काम होगा। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं कि किसी निर्माणाधीन रोड पर 10 बार रोलर चलाना है। अगर ठेकेदार 9 बार रोलर चलावाता है तो मुख्‍यालय में मैसेज नहीं पहुंचेगा। इसलिए गुणवत्‍ता के मानक पूरे करना अनिवार्य होगा।

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