पटना। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को भले ही सातवीं बार और लगातार चौथी टर्म के लिए बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली लेकिन फिर भी उनसे चूक हो गई। नीतीश जब एक बार, मतलब पहले पन्ने की शपथ लेने के बाद हस्ताक्षर करने पहुंच गए तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने दोबारा गोपनीयत की शपथ ली।
नीतीश कुमार राजनीतिक जीवन में लंबे समय से हैं और उनका मुख्यमंत्री पद का काफी लंबा अनुभव है। उन्होंने सात बार इस पद की शपथ ली है। फिर भी उनसे गलती कैसे हुई? यह बड़ा सवाल है। जानकारों के मुताबिक नीतीश कुमार आज निश्चित रूप से सामान्य दिनों की तरह नहीं दिखे. शपथ ग्रहण समारोह होने के बाबजूद वे तनाव में दिख रहे थे। इसके हालांकि कई कारण बताए जा रहे हैं।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को राजभवन में आयोजित हुआ। जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उन्होंने लगातार चौथी बार राज्य के सीएम पद की शपथ ली है। राज्यपाल फागु चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नीतीश के अलावा बीजेपी कोटे से दो उप मुख्यमंत्री (तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी) ने भी शपथ ली। जनता दल-यूनाइटेड के कोटे से अशोक चौधरी, विजय चौधरी, मेवालाल चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव और शीला मंडल ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की जबकि बीजेपी के मंगल पांडेय, जीवेश मिश्रा, रामप्रीत पासवान, अमरेन्द्र प्रताप सिंह और रामसूरत राय ने शपथ ली है। इसके अलावा ‘हम’ से संतोष मांझी और वीआईपी से मुकेश मल्लाह ने शपथ ली. संतोष मांझी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे हैं।
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