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नई दिल्ली। अगर लक्ष्य पाने के लिए कोशिश में जुटे रहें तो परिस्थतियां कैसी भी हो सफलता जरूर मिलती है। इस बात को सच कर दिखाया है ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले शशिकांत शर्मा ने। अब इसे शशि की अटूट हिम्मत और धैर्य का ही नतीजा का ही कहा जाएगा कि उन्होंने छठवीं बार में देश की मुश्किल परीक्षाओं में एक से कही जाने वाली CA का फाइनल एग्जाम क्रैक कर लिया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे शशि अपने भाई के साथ मिलकर समोसा बेचा करते थे इन हालातों में शशि ने इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की है. आइए जानते हैं कि कैसे पाई उन्होंने ये सफलता..
दरअसल शशि के घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. उनके पिता एक मंदिर में पुजारी हैं. उनकी हर दिन की कमाई महज 200 रुपये थी. इतनी कमाई में घर चलाना बेहद मुश्किल था. ऐसे में उन्होंने और उनके भाई दोनों ने मिलकर पिता की मदद करने का फैसला किया.
समोसा बेचने किया शुरू
शशि और उनके बड़े भाई ने अपने घर के पास में ही समोसे बेचने का काम शुरू कर दिया. हालांकि इस दौरान भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी. साल 2009 में उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की. इसके बाद एक स्थानीय कॉलेज से कॉमर्स से ग्रेजुएशन पूरा किया फिर उन्होंने टीचर की सलाह पर CA की परीक्षा तैयारी करने का फैसला किया।
18 से 19 घंटे की पढ़ाई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शशि ने इस परीक्षा के लिए 18 से 19 घंटें तक पढ़ाई की है. इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में शशि की मां ने बताया कि कई दफा तो ऐसा भी होता था कि शशि खाना खाना तक भूल जाते थे. उन्हें होश ही नहीं रहता था. पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई. आज उसी मेहनत का नतीजा ये है कि बेटी को ये कामयाबी मिली है.
मामा से कर्ज लेकर की पढ़ाई
गरीबी से जूझ रहे शशि ने पढ़ाई के लिए जब कोई रास्ता समझ नहीं आया तो उन्होंने मामा से कर्जा लिया था. आज मेरे पूरे परिवार की बदौलत मैंने ये सफलता हासिल की है.
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