नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने देशवासियों को कश्मीर को लेकर किसी तरह के मुगालते में नहीं रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाने के भारत सरकार के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ही नहीं मुस्लिम जगत का समर्थन हासिल करना भी पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा।
UNSC में कोई हाथों में माला लिए खड़ा नहीं होगा
कुरैशी ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में कहा कि पाकिस्तानियों को UNSC सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए नया संघर्ष शुरू करना होगा. आपको मुगालते में नहीं रहना चाहिए. हमारे लिए यूएनएससी (UNSC) में कोई भी हाथों में माला लिए खड़ा नहीं होगा. कोई भी वहां आपका इंतजार नहीं करेगा. अनुच्छेद-370 (Article-370) के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) के फैसले के बाद पाकिस्तान ने कहा था कि वह नई दिल्ली (New Delhi) के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जाएगा.
भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International Community) को यह बताता आ रहा है कि अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने का कदम उसका आंतरिक मामला है. भारत की ओर से पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार करने की सलाह दी गई है. किसी मुस्लिम देश का नाम लिये बिना कुरैशी ने कहा, ‘उम्मा (इस्लामी समुदाय) के संरक्षक भी अपने आर्थिक हितों के कारण कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं कर सकते हैं.’
कुरैशी ने कहा कि दुनिया के विभिन्न लोगों के अपने-अपने हित हैं. भारत एक अरब से अधिक लोगों का बाजार है. बहुत से लोगों ने भारत में निवेश किया है.
क्या आप अरूणिमा सिन्हा के अद्भुत जीवन से वाकिफ हैं?
कुरैशी ने कहा कि दुनिया के विभिन्न लोगों के अपने-अपने हित हैं. भारत एक अरब से अधिक लोगों का बाजार है. बहुत से लोगों ने भारत में निवेश किया है. हम अक्सर उम्मा और इस्लाम के बारे में बात करते हैं, लेकिन उम्मा के संरक्षकों ने भी भारत में बड़ा निवेश किया हुआ है. उनके हित भारत के साथ जुड़े हैं. रूस (Russia) ने हाल में जम्मू-कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया था. वह ऐसा करने वाला यूएनएससी का पहला सदस्य था. उसने कहा था कि राज्यों के दर्जा में परिवर्तन भारतीय संविधान (Indian Constitution) के ढांचे के भीतर है.
अमेरिका और चीन ने अपनाया तटस्थ रवैया
अमेरिका (US) ने इस मामले में तटस्थ रुख अपनाया है. उसने कहा कि ट्रंप प्रशासन की कश्मीर नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गचया है. साथ ही भारत और पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी. वहीं, पाकिस्तान से सख्त लहजे में कहा कि वह भारत के खिलाफ कोई भी आक्रामक कार्रवाई से पहले अपनी जमीन से संचालित आतंकी संगठनों (Terror Organisation) पर सख्त और दिखने लायक कार्रवाई करे. वहीं, पाकिस्तान के मित्र राष्ट्र चीन (China) ने कहा कि वह अपने दोनों पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान का सम्मान करता है. दोनों देश शिमला समझौते (Shimla Agreement) और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों (UN Resolution) के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान करें.
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